एक सजल…

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kailash Singhal
देखो कोहरा छाया है।
प्रेम सन्देसा आया है॥
धुंध छाई मन आंगन।
तन भी तो भरमाया है॥
तुम आओ तो बात बने
कुहासा क्यों सजाया है॥
ये मौसम क्यूँ सुहाना है।
घूँघट में कौन शर्माया है॥
खामोशी में ये कैसा शोर।
शायद दिल चटकाया है॥
रातों की अब क्या तलब।
चाँद दिन में जगमगाया है॥
सज़ल का वो प्यासा आंसू।
‘केसू’ की आंख से आया है॥

#कैलाश बिहारी सिंघल ‘केसू’

परिचय: कैलाशचंद्र सिंघल का नाता मध्यप्रदेश से हैl आपकी जन्म तारीख- २० दिसम्बर १९५६ और जन्मस्थान-धामनोद(धार) हैl हायर सेकन्डरी तक शिक्षित श्री सिंघल का व्यवसाय(कॉटन ब्रोकर्स)हैl आप धामनोद में समाज की संस्थाओं से जुड़े हुए हैंl लेखन में आपकी विधा-हाइकु,तांका, गीत और पिरामिड हैl भोपाल से प्रकाशित समाचार-पत्र में कुछ रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। पिछले 30 वर्ष से लेखन में मगन श्री सिंघल की खासियत यह है कि,कवि सम्मेलनों का सफल आयोजन करते हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय और दिवंगत कवियों की रचनाओं को मंचों पर सस्वर उनके नाम से प्रस्तुत करना है,जिसका पारिश्रमिक नहीं लेते हैं।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।