दो भाई थे, जिनकी उम्र 12 और 10 वर्ष थी ।उनकी मां का नाम सुधा था।एक दिन वे अपनी माता से बोले मां हम बगीचे में खेलने जायें ? माता ने प्रसन्न होकर उन्हें बगीचे में खेलने की अनुमति दे दी ।दोनों भाई खुशी- खुशी बगीचे में खेलने गये।थोड़ी देर […]
ओहो दीपावली मनाएं । खुशियों के दीप जलाएँ । आज धरा पर फैल रहा, अग्यान का अंधियारा। दीप जलाकर रोशन कर दें फैलाए उजियारा। अंधकार को दूर भगाकर विश्वास के दीप जलाएं। दूर गगन में चमक रहा है,जग का अनूठा प्रकाश। खेतों में हरियाली छाए, गाए खुशी का विकास। जगमग […]
बरसात में रिमझिम फुहार लाए बहार मेघा गरजे भयंकर बरसे सर्वत्र पानी बारिश हुई सूरज छिप गया अंधेराहुआ पानी बरसा नव जीवन आया जग हरषा भरेगी नाली चले कागज-नाव बजेगी ताली वर्षा होने से धरती खिल उठी मन हरषे बरखा आई खुशियाँ संग लाई जीवन दायी बदरा घिरे झमाझम पानी […]
निगाहें खामोश हैं ,, आहें खामोश हैं , खामोश हैं वे रास्ते, जहाँ से शहीद गुजरे हैं। घर -द्वार खामोश है , गाँव-नगर खामोश है , खामोश है वो पत्नी , जिसकी माँग में अँगारे दहक रहे हैं । खामोश हैं पिता को पुकारते होंठ. , खामोश हैं गोदी को […]
नारी नहीं अब अबला , उसकी शक्ति दिखाना है । कहने और सुनने का , यह रिश्ता पुराना है । पढ़ी-लिखी होने पर भी. पुरुषों से कम आंकी जाती । दहेज के कारण आज भी, भ्रूण हत्या की जाती । आंखों में आंसू लेकर, औरों को खुशियां देती। त्याग दया […]
कितनी माताओं की, सूनी हो गई गोद। तरसे होंगे रोटी के लिए, असंख्य अबोध। इस बँटवारे का, नगर कितना लम्बा है ? अनगिनत स्त्रियों का, संसार सूना हो गया। मुस्कुराती बगिया का, चमन वीरान हो गया। कपोलों पर सूखा, सागर कितना गहरा है ? रक्षाबंधन पर कितनी राखियां, सिसकी,तड़पी होंगी। […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।