हेमंत श्रीमाल: हिन्दी गीतों की गमक ● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ इस लालकिले की पावन माटी कुमकुम की पहचान है ये मेरा हिन्दुस्तान है, ये मेरा हिन्दुस्तान है जिसकी सुबहें चांदी, संध्या केसर की बरसात करे जिसकी रातें इंद्रपुरी के मौसम को भी मात करें चंदन वन का परिचय मिलता […]

देहरी  करती  प्रतीक्षा राह   तकते  द्वार  भी मन  है  व्याकुल  देखना चाहे  नयन  के  पार  भी जाने   कितनी   दूर  जा पहुंचे  नगर  से  दूर  तुम हर  दिशा  यादें   तुम्हारी दृश्य  दूजे  सारे  गुम सूख  कर  सहरा  हुए  हैं ये  नयन  के  धार  भी… अर्थ   का   तब   अर्थ   क्या जब  दिन  […]

 हिन्दी सहज सरल सुधामय   ओजस्विनी अरू गरिमामय   भारत की पहचान है हिन्दी   निज देश की शान है हिन्दी   राष्ट्रभाषा हिन्दी को कहें हम   मातृभाषा का मान भी दें हम   हर भारत वासी निर्णय ले   हिन्दी का संकल्प अभी लें   भारत  में  सब […]

दशहरे का दिन तुम देखो, आज फिर से आया है। हर गली-मुहल्ले में, फिर रावण जलाया है॥ बुराई का अंत हुआ था, विजय राम ने पाई थी। अयोध्या को मिले राम फिर, घर-घर बँटी मिठाई थी॥ स्वर्ग तुल्य बनी थी धरती, रामराज्य ने जन्म लिया। बजरंग बन इस दिन शिव […]

1

ये क्या कहा,ये कैसी हैरानी की बात की, सहराओं के प्यासों से क्यूँ पानी की बात की। मिलता रहा सुकून मुझे उसके शानो पर, फिर इश्क मोहब्बत के मानी की बात की। एहसास कभी उसके भुलाने को जो चले, हर शख्स से फिर उसकी निशानी की बात की। लैला नहीं,सोहनी […]

तेरी यादें ज्यों दरिया है, मैं कोई गोताखोर हूँ। तू इश्क़ है या रब मेरा, तुझे देखता हर ओर हूँ॥ तेरा मिलना ज्यों सावन है, मैं चंचल-सा मोर हूँ। तू सरगम है इक प्यारी-सी, मैं रागयुक्त भोर हूँ ॥ तू खुशबू है कुमुदिनी की, मैं तो पत्तों का शोर हूँ। […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।