रस्ता पार नहीं होता…

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girish
बिन मेहनत के कभी कोई सुंदर संसार नहीं होता,
आधे मन से जीवन का यह रस्ता पार नहीं होता।
प्यार हमेशा निर्मल मन की एक अमानत है यारों,
बिन इसके इस जीवन का कोई आधार नहीं होता।
ऊपर वाले को धोखा देने से बात नहीं बनती,
नकली हो आराधन तो उसको स्वीकार नहीं होता।
उस घर में क्या जाना उसको बहुत दूर से करो नमन्,
जहाँ किसी भी मेहमाँ का स्वागत-सत्कार नहीं होता।
बच्चा जीवन की सच्चाई तब तक जान नहीं पाता,
जब तक दु:ख या तकलीफों से वह दो-चार नहीं होता।
अगर प्यार है दिल में तो फिर रहे अबोला क्यों आखिर,
अपने लोगों से इतना निष्ठुर व्यवहार नहीं होता।
आज नहीं तो कल ‘पंकज’ को उसका फल मिल जाएगा,
काम अगर हो सच्चे मन से तो बेकार नहीं होता॥

                                                   #गिरीश पंकज

परिचय : साहित्य और पत्रकारिता की दुनिया में गत चार दशकों से सक्रिय रायपुर(छत्तीसगढ़) निवासी गिरीश पंकज के अब तक सात उपन्यास, पंद्रह व्यंग्य संग्रह सहित विभिन्न विधाओं में  कुल पचपन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।  उनके चर्चित उपन्यासों में ‘मिठलबरा की आत्मकथा’, माफिया’, पॉलीवुड की अप्सरा’, एक गाय की आत्मकथा’, ‘मीडियाय  नमः’, ‘टाउनहाल में नक्सली’  शामिल है।  इसी वर्ष उनका नया राजनीतिक व्यंग्य उपन्यास ‘स्टिंग आपरेशन’  प्रकाशित हुआ है..उनका उपन्यास ”एक गाय की आत्मकथा’ बेहद चर्चित हुआ, जिसकी अब तक हजारों प्रतियां प्रकाशित हो चुकी हैं. लगभग पन्द्र देशो की यात्रा करने वाले और अनेक सम्मानों से विभूषित गिरीश पंकज  अनेक अख़बारों में सम्पादक रह चुके हैं और अब स्वतंत्र लेखन के साथ साहित्यिक अनुवाद की पत्रिका ”सद्भावना दर्पण ‘ का प्रकाशन सम्पादन कर रहे हैं। 

matruadmin

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।