अरे ओ जालिम हरजाई, तू क्या जाने पीर पराई।           इस कदर तेरी याद में पूरी रात,           आंखों ही आंखों  में बिताई।   प्रेम की बरसात में भीगे थे हम,   देख फिर से वो प्रेम बदरी छाई।     […]

1

नायक, नायिका से कहता है कि- हमारे तुम्हारे नैना चार हो जाए, तुम्हें भी हम पर एतबार हो जाए। करो कुछ ऐसा प्रयास अब तुम भी, मुझे तुमसे-तुम्हें मुझसे प्यार हो जाए॥ नायिका जबाब देती है- लो तुम मुझसे नैना चार कर लो, थोड़ा-सा और दिल में इंतजार कर लो। […]

माशूक द्वारा माशूका,को दिए प्रेम-पत्र की, प्रेम-पत्र छुपाया था,वो उस रूमाल को। परिवार स्नेहीजन,हर उस शख्स को जो आते-जाते पूछताछ,करे हालचाल की। सेठ साहूकार जी को,लजीज पकवान की, किसी भूखे गरीब को,रोटी और दाल की। बीते हुए समय को,आने वाले आज को, आप सभी को शुभकामनाएं नए साल की॥   […]

काली स्याह रात थी जिन्दगी मेरी, तुम मुझे सुहानी सहर कर गई।         तुम मई-जून की तपती दुपहरी बन,         मुझे शीतल शाम नवम्बर कर गई। खुद प्यासी नदी बनकर, मुझे पूरा समंदर कर गई।     जब बोलती हो मैं अवाक-सा रहता हूँ, […]

मुझे मालूम है कि वो मेरा नहीं है फिर भी, उसे पाने,नाकाम कोशिश किए जा रहा हूँ। मुझे पता है उसके बिना जी नहीं सकता, बेशक उसके बिना भी जिए जा रहा हूँ। वो मुझे मिलेगी एक दिन मुझे नहीं मालूम, फिर भी दिल को सब्र बंधाए जा रहा हूँ। […]

2

  प्रभु जी तुम हो दुनिया के संकट मोचन, मुझे संकट से उबारो हनुमानजी। राम भक्त हो तुम,राम जी के काज संवारे, आज मेरे काज को संवारो हनुमान जी। मेरे जीवन की नैया बीच मझधार में है, मेरी नाव को पार उतारो हनुमान जी। कलयुग में बढ़ गया पाप बहुत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।