झांका उन्हें मैंने अपने गलियारे से, इसकी भी कोई वजह होगी। उन्होंने तो बस इतना कहा, मैं तुम्हें जानता ही नहीं। शायद इसकी भी कोई वजह होगी। मैं तो इंतजार आज भी करता हूँ उनका, शायद कोई तो वजह होगी। निहारती है आज भी आंखे राहें, शायद तो कोई वजह […]
(माननीय अटल जी को शब्दांजलि) अनन्त यात्रा पर हो अटल मैं निकला । विदा हो प्रियजन से देश धरती और गगन से । न भूल सकूँ , न तुम भुला देना यह जीवन पथ तो है बस देना लेना । कुछ शब्द दिए और प्यार ले लिया । साथ यही […]
ठिठुरन-सी लगे सुबह के हल्के रंग-रंग में। जकड़न भी जैसे लगे देह के अंग-अंग में॥ उड़ती-सी लगे धड़कन आज तो आकाश में। डोर भी है हाथ में,हवा भी है आज साथ में॥ पर कागजी तितली लगी सहमी-सी,l उड़ने की शुरुआत में॥ फैलाए नाजुक पंख,थामा डोर का छोर। हाथ का हुआ […]
कलम कनक की भले नहीं है, अक्षर असर तो फिर भी करेंगे। कागज करार भले ही करे न, मसि कसी तो सब सार सरेंगे। पटल रजत जो कभी मिला तो, पीड़ा तृण कण्टकों की हरेंगें। उम्मीदों के पंख भले कोमल हो , लेखन से नभ परवाज उड़ेंगे। एक से मिल […]
जिगर जां न्यौछावर करते हैं हम, तुझ पर वतन मेरे,भारत भुवन। जिगर-जां न्यौछावर करते हैं हम॥ वेदों की संस्कृति,प्राणों से प्यारी, पापों का मोचन,ये गंगा हमारी। सागर ये चरणों पे करता नमन, जिगर-जां न्यौछावर करते हैं हम॥ तुझ पर वतन मेरे ,भारत भुवन, जिगर-जां न्यौछावर करते हैं हम। राम और […]
मैं जा रही हूँ पापा, आपके ऊपर कर्ज का भार तिलक और दहेज का भार, खेती और महाजन का भार माँ के ईलाज का भार, इस हाल में मैं क्या करूं? मैं लड़की हूँ, बेबस और लाचार हूँ बिन पंख पक्षी के समान, मैं जा रही हूँ पापाl सड़क पर […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।