साथ तुम्हारा पाकर जीवन की सैर करने चला था, थी साथ तुम तो , तूफाँ भी मुझसे डरा था। चपल चतुर खिव्वैया बन जीवन की नैय्या को, संचालित करती रही चप्पू उनके उनके हाथ देख था बेखबर मैं, नैय्या तूफानों से लड़ती रही, देख सेवा,कर्मठता,जीवटता इनकी, तूफाँ भी शांत हो […]