अब नहीं शर्मिंदा होंगे, फांसी पर लटकाने से। छिप जाओ किसी बिल में बच नहीं सकते हम वीरों से। नक़ाब हटाने में कुर्सी पलटाने में तानाशाह किसी सैन्य को बनना पड़े तो बन जाने दो। चेतना जागृत सम्यक बोध अधिकारों को समझाना होगा जन जन में भागीदारी का बोध नया भरना होगा। अत्याचारी […]

इन दिनों हिन्दी कविता में सबसे अधिक चर्चा हिन्दी ग़ज़ल की है.आज हिन्दी ग़ज़ल को जिन लोगों ने इस मुकाम पर लाया है उसमें एक महत्वपूर्ण नाम विनय मिश्र का भी है.विनय मिश्र हिन्दी के समर्पित ग़ज़लगो हैं जिनके पास ग़ज़ल वाला लहजा भी है.वो ग़ज़ल में उन विषयों को  […]

अलविदा बसंत फागुन आयो, रंग-बिरंगी संग होली लायो, चंग ढप ढोल डफली बजी, ढोल की थाप पर नाचे नर-नार रे, टेसू के फूल खिले रंग करो तैयार, इन रंगों में छिपा मधुर प्रेम व्यवहार, होलिका जलेगी सब होली मनाएंगे, राक्षसी वृतियां जलेगी होगा पाप का,  धर्म का प्रहलाद बचेगा होगी […]

कोरे-कोरे सपने मेरे, आकर आज सजा दो तुम। लाल चुनरिया गोटे वाली, तारे असंख्य जड़ा दो तुम। दिल का कोना-कोना रीता, प्यारी ज्योत जला दो तुम। होंठ लरजते जिनसे हमदम, सरगम गीत सजा दो तुम। आँखों की कोरों का काजल, नजरें आज लगा दो तुम। भीगी-भीगी मेरी पलकें, हँसकर ख्वाब […]

ज़रा-सी ठेस लगती है तो शीशा टूट जाता है, मग़र क्यूँ आइने को साथ पत्थर का ही भाता है। उसी को जानती है मानती है पूजती दुनिया, अँधेरी बस्तियों में जो बुझे दीपक जलाता है। लहर की प्यास क्या जाने वो इक मासूम-सा बच्चा, जो टूटे साहिलों पर भी घरौंदों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।