अब नहीं शर्मिंदा होंगे, फांसी पर लटकाने से। छिप जाओ किसी बिल में बच नहीं सकते हम वीरों से। नक़ाब हटाने में कुर्सी पलटाने में तानाशाह किसी सैन्य को बनना पड़े तो बन जाने दो। चेतना जागृत सम्यक बोध अधिकारों को समझाना होगा जन जन में भागीदारी का बोध नया भरना होगा। अत्याचारी […]