बनन मे बागन मे,  आंगन तडागन मे। गगन में देखौ रूप, सौ गुना सुहायो है।। मधुपाली काकपाली ,आली वनमाली हू । ऊपरी निकाई औ, ऊछाह छवि छायो है।। तारन मे हारन मे ,सरिता की धारन मे,। शोभित पहारन मे, तेज अधिकायो है।। मोद सरसायो अनुराग जागि आयो रस,। अंग अंग […]

कुछ विष भी पीना पडता है, अमृत से मीठे होठो को, आखो का खारा जल केवल, पीने हे काम नही चलता, अक्सर सूरज के रहते भी, है राते काली होती, रह जाती है धरती सूखी, बरसाते फिर भी है होती, हर सूरज है ज्योति चुराता, हर चाद अन्धेरा है देता, […]

जल मे थल मे जड चेतन मे, गूज रही झंकार, हे मात! तुम्हारी महिमा अपरम्पार, फूलो मे प्रतिबिम्ब तुम्हारा कलियो मे मुस्कान, मन मोहक खुशबू से सारे, महक रहे उद्यान सागर की उन्ताल तरंगे , करती है मनुहार, हे मात! तुम्हारी महिमा अपरम्पार, सूर्य चन्र्द मे तेज तुम्हारी  , तारे […]

भारतीय भाषा की झंकार, जनमानस तक पहुचाई, कृष्ण तुम्हारी गीता गाई,। तेरे द्वार लगाया डेरा, जीवन सफल हुआ मेरा, तेरे चरणो की रज लेकर, अंग -अंग भस्म समाई, कृष्ण तुम्हारी गीता गाई। अश्रु बहाये चरणो पर जब, सत्यामृत की धार वही तब, अपने उर के चम्मच से, प्यासे जग की […]

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गा लो सुहाग के गीत आज ,, हंस खेल सजालो साज सखी,,, बलिदान हमारा आज सखी। ढल गयी उमर, हो गये विदुर,, जागा वैभव का तृष्णा स्वर,, बन गयी जन्म-पत्री अनमिल,, कुछ रजत ठीकरो के बल पर,, चढ आये वर सज धज बरात , गिर पडी भाग्य पर गाज सखी […]

कलमकार का फन कागज़ो पर उतर रहा। धीरे-धीरे सही सँवर लेखनी का स्तर रहा। लेखक के लिए लिखना रहा आसां कहाँ। हमेशा से ही समझिए इक नया भँवर रहा। सियासत भी प्रभावित करती रही कलम को। महानुभावो की प्रशंसा ही करना ज़बर रहा। नही स्वतन्त्र हर कलम ये बात जान […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।