मैं पथिक हूं तूफानों में चलने का आदी, तुम मत मेरी दुर्गम राहें आसान करो। मैं कड़ी धूप में तपकर और भी निखरा हूं, छाया का मेरी राह में न सामान करो। पथरीली राहों पर है चलना सीख लिया, मत कंकड़ चुनकर तुम मुझ पर एहसान करो। दुर्गमतर मंजिल मुझको […]

जिसके नैनों का नीर ही सूख चुका, ऐसे अन्धों को दर्पण दिखाने से क्या। जिसकी फ़ितरत में ही हो फ़रेब भरा, उसको प्यार से गले लगाने से क्या। जिसने घोषित किया खुद को ही है ख़ुदा, उसको मस्ज़िद का रस्ता बताने से क्या। जिसने आशा का दामन ही छोड़ दिया, […]

  ऐ देश के वीर जवानों,तेरा अभिन्दन शत-शत वन्दन, भारत माँ के उज्वल ललाट के तुम ही हो रोली चन्दन। तुम प्रतिपल रहते हो तत्पर दुश्मन को धूल चटाने को, है सुयश तुम्हारा महक रहा,जैसे महके वन में चन्दन। तुम क्रोध का वो सैलाब हो,जिसमें आ सब कुछ बह जाता, […]

कितने भी हों हालात बुरे,फिर भी इज़्जत से जी सकता, सम्मान मिले गर लोगों से,तो चाक ज़िगर भी सी सकता। अपमानित होकर जीना भी, जीना है इस दुनिया में, खुद्दारी जिसके रक्त में हो, अपमान का घूंट न पी सकता॥                     […]

कोई हसरत ना रही,कोई आरज़ू ना रही, दिल ऐसा तोड़ा है,अब कोई जुस्तज़ू ना रही। कितने वादे किए थे,साथ जीने-मरने के, क्या हसीं बातें थी,अब वो भी तो मौज़ू ना रही॥                                       […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।