जो  वीर  जवान  सीमा  पर  तैनात   रहें उन बलिदानों की कथा भला कोई कैसे कहे कैसे कहें , मां की  ममता भरी वेदना जो अपने लला के लिए अश्रु में डूबी  रहे हर होली और दीवाली लाल की राह तके मुख चन्द्र ललन का देखने को नैना न थके किस […]

धुंधलाने न दे नन्हें विटपों का सवेरा , उम्मीदों की उड़ानों से भरा है चेहरा , छोटे हैं पर सपने इनके खूब बड़े – बड़े , दे बड़ें इन्हें आकार आगे हैं ये बढ़ें । नयी तकनीकियों में झूल रहा है संसार , नोनिहालों का बचपन करे है ये दुश्वार […]

मय्यत में मेरी तुम सभी चले आना, भूले से भी न तुम आँसू बहाना। उठाकर जनाजा कंधों पर अपने, मुझे शमशान तक सभी छोड़ आना॥ होंगे उस वक़्त वो नींद में मगरूर, भूले से भी न उसे तुम जगाना। मय्यत में मेरी तुम सभी चले आना॥ मुझसे अलग भी दुनिया […]

हे शारदे मां,शारदे मां, ज्ञान का भण्डार दे मां। विमल वाणी विद्या वरणी, हस्त पुस्तक माला धरणी। श्वेत वस्त्र वंदिता मां, बुद्धि का उपहार दे मां। शारदे मां शारदे मां, ज्ञान का भंडार दे मां। ध्यान और विज्ञान दे मां, सबको सन्मति ज्ञान दे मां। सारे जग के जीवो को […]

पिया मिलन को आतुर नैनों, सृष्टि के कण-कण को देखो। प्राण प्रिय ‘वो’ पिया दिखेंगे, जरा ठहर धड़कन को देखो। सर-सर बहती हवा सुहानी, केवल गाती उसकी कहानी। कान लगाकर सुनो गौर से, हवा के मन, कम्पन को देखो। पिया मिलन को आतुर नैनों, सृष्टि के कण-कण को देखो॥ मंथर-मंथर […]

जीवन के बेगाने गाने, गुनगुनाता,आगे बढ़ता जाता हूं। मुस्काता हूं,सावन को मुठ्ठी में भरकर, चलता हूं,फिर गाता हूं॥ सकारात्मक चिंतन संभव, पूरे होते मानव के अभीष्ट सभी। सत्यम्,शिवम्,सुन्दरम् और, प्रसन्न होते ईष्ट सभी॥ मैं उठता हूं अपने पैरों, सुमनों को जल दे आता हूं। मुस्काता हूं,सावन को मुठ्ठी में भरकर, […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।