तेरी आवाज से वो दर्द बयां होता है मेरी मानों तो एक बार कहा होता जो । मान जाता हूँ तेरी मीठी – मीठी बातों से याद आता है वो आवाज तेरी राहों में । मैं खुशनशीब हूँ जो तुमसे मिला राहों में तेरी आवाज में वो राज मिला आहों […]

भारत माँ के वीर पुत्र, त्याग की साक्षात् मूर्ति श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को कुछ मौन से शब्दों में भावपूर्ण श्रद्धांजलि हे भारत के भाग्य विधाता तेरा वैभव अमर रहेगा हे परमाणु के वर दाता तेरा साहस निडर रहेगा मौन रहा मृत्यु का सागर जब तक सांसें अटल रही […]

दर्द  भरा  है  अभी तेरी मां के दिल में, मैंने  तो अपने दिल को समझा दिया । मगर  तू  तो  हो गया पत्थर दिल बेटा, घर  तूने  जब  से  अलग  बसा लिया । कैसे  भूलूं  मैं जिंदगी का वो दिन बेटा, जब  तू  चुपके  से कोख में आया था । […]

कभी  कभी मुस्कुरा भी दिया करो यारों, चेहरे  पर उदासियां अच्छी नहीं लगती । माना  गम  बहुत  है  इन  राहों  में  मगर, जिंदगी में मायूसियां अच्छी नहीं लगती। उदासियां  थामती  है निराशा का दामन, और  मायूसियां  घोर  अंधेरे फैलाती है । मगर  मेरे  यार,  चेहरे की मुस्कुराहट तो, अमावस की […]

कल-कल    छल-छल  बहती  नर्मदा, जग   की  प्यास    बुझाती   नर्मदा। हरे     भरे     से     बाग    तीर     पर, सबका       सिंचन     करती   नर्मदा। त्रिविध       ताप      से       देती मुक्ति, चार         पदारथ     देती       नर्मदा। […]

डर अंधेरों का कुछ भी सताता नहीं, साथ मुझको उजालों का भाता नहीं। अक्स जबसे मिरा आइना हो गया, ये जमाने से कुछ भी छिपाता नहीं। मुझको जिसका तसव्वुर रहे रात दिन, रूबरू इक घड़ी को भी आता नहीं। दिल मे खंज़र  चुभा है मगर दोस्तों, ज़ख्मे-दिल मैं किसी को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।