तेरी आवाज से वो दर्द बयां होता है
मेरी मानों तो एक बार कहा होता जो ।
मान जाता हूँ तेरी मीठी – मीठी बातों से
याद आता है वो आवाज तेरी राहों में ।
मैं खुशनशीब हूँ जो तुमसे मिला राहों में
तेरी आवाज में वो राज मिला आहों में ।
मीठी – मीठी सी छुवन से मुझे बुलाती हो
अपनी आवाज से वो गीत भी सुनाती हो ।
कोयल की कूक बसी है इन आवाजों में
प्यारी सी मीत बनी हो मेरे अहसासों में ।
गीत, गजलों से तुम बहुत मुझे लुभाती हो
मुझे खुश रखने के लिए ही तुम तो गाती हो ।
एक – एक शब्द मेरे कानों को सुहाता है
तेरी आवाज की वो दर्द समझ आता है ।
मगन होता हूँ तेरी प्यारी – प्यारी बातों से
लगन से सुनता हू मैं मस्त होकर कानों से ।
तुम्हारा गीत गुनगुनाता हूँ जबानों से
तेरी यादों में मस्त रहता हूँ कई जमाने से ।
परिचय-
नाम -डॉ. अर्चना दुबे
मुम्बई(महाराष्ट्र)
जन्म स्थान – जिला- जौनपुर (उत्तर प्रदेश)
शिक्षा – एम.ए., पीएच-डी.
कार्यक्षेत्र – स्वच्छंद लेखनकार्य
लेखन विधा – गीत, गज़ल, लेख, कहाँनी, लघुकथा, कविता, समीक्षा आदि विधा पर ।
कोई प्रकाशन संग्रह / किताब – दो साझा काव्य संग्रह ।
रचना प्रकाशन – मेट्रो दिनांक हिंदी साप्ताहिक अखबार (मुम्बई ) से मार्च 2018 से ( सह सम्पादक ) का कार्य ।
- काव्य स्पंदन पत्रिका साप्ताहिक (दिल्ली) प्रति सप्ताह कविता, गज़ल प्रकाशित ।
- कई हिंदी अखबार और पत्रिकाओं में लेख, कहाँनी, कविता, गज़ल, लघुकथा, समीक्षा प्रकाशित ।
- दर्जनों से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रपत्र वाचन ।
- अंर्तराष्ट्रीय पत्रिका में 4 लेख प्रकाशित ।