पटना | स्किल माइंड्स फाउंडेशन के तत्वावधान में बीते सोमवार को सत्यम इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना के सभागार में आयोजित एक भव्य समारोह में शिक्षाविद् व समाजसेवी डा. स्वयंभू शलभ को ‘यंग इंडिया चेंज मेकर अवार्ड 2019’ से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि फिल्म अभिनेता सत्यकाम आनंद […]

ख्याल तेरा बहार बनकर जो  आये आना तेरा रोशन करता राह सारे तब्बसुम की खिदमत में  हैं सितारे आँखों में नमी देखा तुम्हारे  सोचता हूँ  आज चाँद फिर फीका सा क्यूँ है.. दर्द मीठा-मीठा गम भी सहते सारे  सनम ! पाक उल्फत है इसे कैसे संवारे होतेे गान छिड़ते नये […]

मेंहदी  बिंदी  कुमकुम लगे, सजे तन पर सोलह श्रृंगार, मेरे जीवन में खुशियाँ है,जिसके तुम  हो एक आधार, बिन मांगे सब  मुझे मिला है,दर्पण मेरे मन मीत बने , सभी तीज त्योहार तुम्हीं से, दिया सदा मुझे निश्छल प्यार।। निर्जल व्रत रख पूजूं चँदा, वंदन कर आरती उतारूँ , लगा […]

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दीपक  तू !! तिल – तिल  कर  जलता  जा नीरव   होकर , अपना  कर्तव्य  निभाता  जा, समय  चक्र  के, साथ -साथ  तू  चलता  जा । दीपक  तू ! तिल-तिल  कर  जलता  जा ।। ज़ाहिर  हैं  जग  में पतंगे  की  तुझसे  प्रीत तू  क्यों  न , बन  सका कभी  उसका   मीत […]

निगाहें खामोश हैं ,, आहें खामोश हैं , खामोश हैं वे रास्ते, जहाँ से शहीद गुजरे हैं। घर -द्वार खामोश है , गाँव-नगर खामोश है , खामोश है वो पत्नी , जिसकी माँग में अँगारे दहक रहे हैं । खामोश हैं पिता को पुकारते होंठ. , खामोश हैं गोदी को […]

जिंदगी कभी-कभी, बेमानी-सी लगती है। टूटे हुए दरख्त की, कहानी-सी लगती है। तन्हाई की रात़ों में, जिन्होंने दिया साथ। आज वे भी कर रहे हैं, अपने पीछे हाथ रोशनी की किरण भी, अंधियारी-सी लगती है। शाखों पे खिले थे, अनगिनत फूल। हवा चली ऐसी, मिल गए सब धूल। यादों की […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।