● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ आज़ाद भारत, सतहत्तर वर्ष का यौवन और असंख्य बलिदानों से लिखी इस संकल्पना के अमृतकाल का गौरव गान तब पूर्ण होगा, जब शताब्दी की ओर बढ़ती आज़ादी अपने देशवासियों को विस्तृत फ़लक पर मज़बूत कर दे। भारत की आज़ादी बलिदानों के दर्ज पदचिह्न हैं, जिस […]

26 जनवरी गणतंत्र दिवस विशेष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ अरुण की लालिमा फैलने लगी, दसों दिशाओं में भारत की गूंज उठने लगी, वैश्विक रूप से मज़बूत होता भारत अमृत काल की अमृत बेला का नेतृत्व करने लगा, विश्व में भारत भारती का जयघोष होने लगा, क्या अमरीका, क्या ब्रिटेन, सभी राष्ट्राध्यक्ष अब केवल […]

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस विशेष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ राष्ट्र के निर्माण में या चाहे राष्ट्र के सुनियोजित संचालन में, देश की संरचना गढ़ने में या चाहे देश की व्यवस्थाओं में, लोकतंत्र की स्थापना में या चाहे सुचारू समन्वय में, सत्ता पर नियंत्रण में या चाहे सत्ता के क्रियान्वयन में, […]

बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जयंती विशेष – डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ धरती जब किसी चरित्रवान नेतृत्व को जन्म देती है तो निश्चित तौर पर यह नेतृत्व का ही मान नहीं होता बल्कि धरती का भी गौरव स्थापित होता है | ऐसा ही एक गौरव मालवा की धरती को भी मिला […]

स्थापना दिवस विशेष हिन्दी पत्रकारिता की राजधानी कहा जाने वाला इन्दौर अपनी हर क्षेत्र की यात्रा का साक्षी है। इस शहर में पत्रकारिता अपने पेशेवरपन से ज़्यादा अपनेपन से संचालित रही है। शहर की समस्याओं को सत्ता के केन्द्र से लेकर निकाय की मेज़ तक पहुँचाने का माद्दा रखने वाले […]

✍🏻 डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ बिल्कुल ठीक पढ़ा कि यह समाज अपराधी है, इसे और स्पष्ट करूँ तो वह प्रत्येक व्यक्ति अपराधी है जो अपनी धरोहरों की असल चिन्ता नहीं करता, साहित्य समाज ज़्यादा अपराधी है, आयोजक अपराधी है, हर वह शख्स अपराधी है जो यह चिन्ता नहीं करता कि […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।