मीडिया से तकलीफ है तो देशव्यापी मीडिया पर रोक लगवाये, मैं आपका साथ दूँगा, पर उससे पहले एक बार मीडिया विहीन जीवन की बस कल्पना मात्र कर लीजिये श्रीमान जी। या अनुभव चाहिए तो एक बार 1947 के पूर्व की पैदाईश अपने दादा-नाना से आजादी के पहले के जीवन के […]

अनुबंध और तमाम शर्तों के बाद भारत के नीले आकाश में गुलाबी गुलाल के बादलों ने 15 अगस्त 1947 की सुबह को अपने आलिंगन में ले लिया था, यह वही समय रहा जब लाल किले ने तिरंगे को देखा होगा, शायद भारत के भाग्य में अर्द्ध रात्रि को मिली रहस्यमयी […]

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इंदौर।   हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए सक्रियता से कार्यरत मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं हस्ताक्षर बदलो अभियान से भारतीय हिन्दीभाषियों को जोड़ने के उद्देश्य से सम्पूर्ण भारत में भाषासारथी बनाये जाएंगे। इस माध्यम से हिंदी को जन-जन तक पहुँचाया जाएगा।  उन्होंने बताया कि यह फैसला संस्थान […]

इंटरनेट की दुनिया ने हिंदी या कहे प्रत्येक भाषा के साहित्य और लेखन को जनमानस के करीब और उनकी पहुँच में ला दिया है, इससे रचनाकारों की लोकप्रियता में भी अभिवृद्धि हुई है।  किन्तु इन्ही सब के बाद उनके सृजन की चोरी भी बहुत बड़ी है।  जिन लोगो को लिखना […]

कचहरी में टंकण करते-करते कोई हिन्दी कविताओं की तरफ मुड़कर हिन्दी माँ का लाड़ला नीरज बनकर माया नगरी बम्बई में हिन्दी कविता को सर्वोच्च सम्मान दिलवाता है, और प्रेम के तरानों के साथ शोखियों में घोलता हो प्रेम गीतों का राग उस अल्हड फ़क़ीर और उच्च कोटि के दर्शन का […]

भारत बहु भाषी और बहु सांस्कृतिक समन्वय वाला राष्ट्र है, जहाँ ‘कोस-कोस पर बदले पानी, चार कोस पर वाणी’ बदल जाती है। किन्तु विगत 50 साल में भारत की क़रीब 20 फीसदी भाषाएं विलुप्त हो गई हैं। वर्ष १९६१ की जनगणना के बाद भारत में १६५२ मातृभाषाओँ का पता चला […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।