बेटी तो बस बेटी है, बेटी एक तो शक्ति है। जगत की भी जननी है, बेटी को कमजोर न समझो। जब तक बेटी,बेटी है, लगती सबको छोटी है। सुन्दर प्यारी बच्ची है, दिल की बहुत ही सच्ची है। लक्ष्मी बनकर आती है, जब बेटी पैदा होती है। कन्यादान बेटी का […]

मशीनी सभ्यता का नायाब़ तोहफ़ा, असंवेदनशील जीव न होकर स्वचालित,परन्तु बनने के बाद कभी भी अनियंत्रित, दिल से नहीं अपितु दिमाग से चलता और रूकता हो। काश् तुम भी मानव नहीं, कोई ‘रोबोट’ होते! कम-से-कम साथ तुम्हारा रहता, जब चाहती पास लाकर प्यार करना-प्यार करती, जब चाहती नफ़रत करना तो […]

  मतलब की दुनिया सारी है। देखो कैसी बीमारी हैll    बेटे बसे विदेश कमाएं, घर में बेबस महतारी हैll    सर्दी पूछो उससे जिसने, नभ नीचे रात गुजारी हैll    निर्धन वंचित उससे जो भी, बनी योजना सरकारी हैll    धागा बाँधा मंत्र जपे जब, गुरु पर सुना राहू […]

रातों की नींद,जब ख़्वाबों से टकराती है, सपने,नींदों से समझौता कर आती हैl  न जाने कैसा वो जूनून होता है, न जाने कैसा वो सुकून होता हैl न जाने वो कैसी कहानी लिख आती है, मुकम्मल एक दास्तान हो जाती हैll  पलक के फ़लक़,जुनूनीयत बन आती है, कायनात भी तब,सिर […]

दो जिस्म एक जान कभी हो ना पाए, हमेशा रहते हैं भीड़ में,अकेले हो ना पाएl  कौन याद करता है बिछड़ने के बाद अब, हम तो चाहकर भी तुम्हें भुला ना पाएl  हर किसी का वक्त बदलता है एक दिन जरूर, बस वक्त पर ही अधिकार सब जमा ना पाएl  […]

सूर्य लेने लगा अब करवट, दक्षिण से उत्तर की ओर। संक्रमण का समय है आया, अब आएगी फिर नई भोर। पतंग और माँजे के संग में, है बच्चों का कलरव शोर। मौसम भी अब बदला-सा है, प्रियतम-सा लगता चितचोर। गुड़-तिल का यह संयोजन है, मधुर हो मन ज्यों नाचे मोर। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।