क्षमा भाव मन में धारण,कर ले ओ भोले प्राणी, कर दे क्षमा तू सबको,खुश होगी जिंदगानी …. । नफरत के बीज बोए,काँटों से दिल लगाया, सोचा न एक पल भी,अपनों का दिल दुखाया। … मैं हाथ जोड़कर के,मानूं अपनी गलती, कर दे क्षमा तू  मुझको,खुश होती जिंदगानी.. क्षमा भाव मन […]

1

राजनीतिक मजबूरी कहिए या भाजपा के विरोध की विकृत मानसिकता,या यह भी कह लीजिए कि हिन्दुत्व के साथ-साथ जमीर भी मर चुका है। आज जब सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत भूषण की भगवान श्रीकृष्ण पर की गई टिप्पणी पर एक तरफ भाजपा तो दूसरी ओर कांग्रेस ने इनके खिलाफ शिकायत […]

1

पढ़ाई पूरी करने के बाद एक छात्र किसी बड़ी कंपनी में नौकरी पाने की चाह में साक्षात्कार देने के लिए पहुंचा। छात्र ने बड़ी आसानी से पहला साक्षात्कार पास कर लिया..। अब अंतिम साक्षात्कार कंपनी के डायरेक्टर को लेना था। डायरेक्टर को ही तय करना था,कि उस छात्र को नौकरी […]

एक अख़बार में निविदा विज्ञापन, दहेज़ के दानव के विनाश हेतु चाहिए एक बाण.. ऐसी निविदा पढ़ने के बाद दिल को हुआ आराम। वर्तमान परिदृश्य में, बहुएं जली-जलाई जा रही.. ऐसे हादसों के कारण गांवों  के कुएं की चरखियां,घट्टियों की आवाजें, ख़त्म होती जा रही। बाजारों में फ्रेमों के,कब्र के […]

1

आज स्वार्थवृत्ति इतनी अधिक बढ गई है कि,अपने सामान्य स्वार्थ के लिए भी व्यक्ति अन्य जीवों के प्राण ले लेता है। सांप ने नहीं काटा हो,तब भी ‘यह विषैला प्राणी है,कदाचित् काट लेगा’, इस भय से उसे मार दिया जाता है। आज स्वार्थी मनुष्य जितना हिंसक व क्रूर बन गया […]

1

फूलों से लदे हरे-भरे नीम की महक दे जाती है मन को सुकून भले ही नीम कड़वा हो |   पेड़ पर आई जवानी चिलचिलाती धूप से कभी ढलती नहीं बल्कि खिल जाती है लगता, जेसे नीम ने बांध रखा हो सेहरा |   पक्षी कलरव करते पेड़ पर ठंडी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।