बेटे का सम्मान जगत में,बेटी का सम्मान नहीं, दुनिया वालों ये तो बता दो,बेटी क्या संतान नहीं….। बेटा क्या लेकर के आया,बेटी क्या लाई नहीं, बहिना के बिना सूनी-सूनी,हर भाई की कलाई है। ऱक्षाबंधन-भाई दूज,कैसे तुम सब भूल गए, दुनिया वालों ये तो बता दो,बेटी क्या संतान नहीं॥ बेटे का […]

  एक अमीर महिला मोहल्ले में बड़ी-बड़ी डींग हांकती रहती थी,कि  उसके पास पैसा हैl उसी मोहल्ले में गरीब व मध्यम परिवार के लोग भी रहते थेl किसी संस्था द्धारा महिला सभा आयोजित की गई,और सभी महिलाओं को आमंत्रित किया गयाl सभा शुरू होने से पहले अमीर महिला ने दिवाली के […]

चारपाई पर लेटी बुधिया साफ़-साफ़ देख रही है कि,अखबार बांचता दिन अब ऊंघने लगा है और दिन की लालिमा मानो रात की कालिमा में तेजी से समाती जा रही होl देखते-ही देखते अंधेरा तिर आता है…उसके आसपास और उसके अंदर भी,लगा जैसे कालिमा उसके जीवन का एक अभिन्न अंग बन […]

वर्तमान समय में सिर्फ एक ही चीज पर लोग ज्यादा ध्यान केन्द्रित करते हैं और वो है दिखावा। एक मध्यम परिवार का बच्चा अपने माता-पिता से आए दिन नई -नई चीजें हमेशा मांगता रहता है,और पिता अपने पुत्र की हर फरमाईश को अभी तक पूरा करता आ रहे थे। एक […]

मैंने देखी ही नहीं, रंगों से रंगी दुनिया कोl मेरी आँखें ही नहीं, ख्वाबों के रंग सजाने को| कौन आएगा,आँखों में समाएगा, रंगों के रूप को जब दिखाएगा रंगों पे इठलाने वालों, डगर मुझे दिखाओ जरा चल संकू मैं भी अपने पग से, रोशनी मुझे दिलाओ जरा ये हकीकत है […]

आदमी ने पूछा -मेरे भाग्य में कितना धन है? नारदमुनि ने कहा-भगवान विष्णु से पूछकर कल बताऊंगा…l नारदमुनि ने कहा-१ रुपया रोज तुम्हारे भाग्य में है…। आदमी बहुत खुश रहने लगा…l उसकी जरूरतें १ रुपए में पूरी हो जाती थी…। एक दिन उसके मित्र ने कहा-मैं तुम्हारे सादगी के जीवन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।