पतली दुबली सी टेढ़ी मेढ़ी नागिन सी बल खाती गांव की पगडण्डी चिकनी मिट्टी काली पैर फिसलते मेरे कभी दायां कभी बायां रिमझिम रिमझिम मेहा खूब बरसे पाठशाला का था प्रथम दिवस मन में नव उल्लास नव उमंग नव जिज्ञासा नव आशा हिलोरें ले रही मन ही मन कैसी होगी […]

चार महीने पहले द्रमुक नेता एम के स्टालिन ने चेतावनी दी थी कि यदि केंद्र सरकार तमिलनाडु में राजमार्गों पर लगे मील के पत्थरों पर अंग्रेजी मिटाकर हिंदी में लिखती है तो “नया हिंदी विरोधी आंदोलन” छेड़ दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि सरकार का कदम “हिंदी को पिछले दरवाजे […]

आओ अपना अभिनय करें अपना अपना पार्ट अदा करें कोई किस भेष में कोई किस हम रोज नित नए सजा करें जिंदगी एक रंगमंच है भाई रोल खत्म तो जिंदगी खत्म सारे रिश्ते कुछ क्षणों के लिए लड़ाई झगड़े मन मुटाव देखे जिंदगी के सुख दुख सहेजते हम दौड़ रहे […]

मै धरति पुत्र हु और इस धरा पर अपने दम पर जीता हु , चीर  के सीना अपने खेतो का अपना हिस्सा लेता हु , जब तुम सोते हो गहन निद्रा में शीतल शीतल कमरों में , जब तुम होते हो माल और रेस्टारेंटो के शहरो में , तब में […]

बाल्टी भरी के पानी से न्हातो  थो कपड़ा भी रोजाना  धुलवातो  थो  , कोई भी प्यासो   घर से नि जातो  थो  , सगलो पानी माथा पे तोकी  के आतो थो  , उ पानी कुण्डी से खेची के माथा पे , लाने वाली और कोई नि… म्हारी बई थी | गर्मी […]

   सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई 1900 को हुआ। हिंदी साहित्य में चगयवादी युग के प्रमुख कवियों में पंत जी का नाम प्रमुख है। इनका जन्म अल्मोड़ा जिले के कोसानी बागेश्वर उत्तराखंड में हुआ था। जन्म के 6 घण्टे बाद ही इनकी माता का निधन हो गया था। उनका […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।