जिन सैनिकों के भरोसे पूरे वतन की रक्षा की जिम्मेदारी हो,वो ही जवान अवसाद में आकर अपने साथी जवानों की हत्या कर रहे हैं,तो इससे वीभत्स एवं चिंताजनक स्थिति ओर कुछ नहीं हो सकती है। थोड़े दिन पहले एक सैनिक द्वारा घटिया खाने की शिकायत का एक वीडियो वायरल हुआ था,और […]

देखो बिना टिकट का खेल, छुक-छुक करती आई रेल। लाल घघरिया पहने बिल्ली, बैठ  गई  जाने  को  दिल्ली। दौड़ा-दौड़ा  आया भालू, रेल हो गई तब तक चालू। बड़ी जोर से चिल्लाया बंदर, चाचा  जल्दी  बैठो  अंदर। ज्योंज्यों भालू कदम बढ़ाता इंजन आगे बढ़ता जाता। तेज दौड़कर भरी छंलाग, उलझ  गई  […]

तसव्वुर में छिपा लेंगे तुम्हारी दोस्ती को हम, न्यौछावर इस पे कर देंगे हमारी जिंदगी को हम। तुम्हारे साथ का अहसास नामुमकिन है भुलाना, भले ही भूल जाएं उस खुदा की बंदगी को हम। बनावट और नकलीपन कभी भाया नहीं हमको, बहुत सम्मान देते हैं तुम्हारी सादगी को हम। तुम्हारे […]

धार नहीं संगम हो जाते, चोट नहीं मरहम हो जाते। बन जाती अपनी भी कहानी, तुम जो मेरे हमदम हो जाते। दे देता मैं जान खुशी से, यदि मेरे जानम हो जाते। हाथ पकड़ लेते जो मेरा, तो काँटे कुछ कम हो जाते। तोड़ते न दिल,दिल से लगा के, चूर […]

बहन ने प्यार से धागा ,           जो बाँधा ये इरादा है। मेरा भैया सुरक्षित हो ,          यही अरमान साधा है। हमेशा आप ही करना              मेरी रक्षा मेरे भैया। बड़ी जालिम है ये दुनिया ,   […]

सोलह श्रंगार करुं,ध्यान बृज का जो धरुं, राधा-कृष्ण रोज मेरी नजरों में आवै हैं॥ गोकुल की गली-गली,में है शोर उसका तो, भक्तों की जुबानों पर,सुबह आ जावै हैं॥ लोग राधा नाम गावै,पाछै श्याम कू मनावै, बाँसुरी की धुन पर भक्तों को नचावै है॥ राधा नाम संग गाओ,तुम भव तर जाओ, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।