बहुत दिन हुये तुमसे बातें हुयी फिर से वो ही बरसात बरसा दे। तड़पता रहा बूंद की प्यास लेकर मुलाक़ात तेरी मुझे तड़पा दे। सौंधी सी बिखरी सांसो की खुशबू निगाह जो तेरी धड़कन बढ़ा दे। बहुत दिन हुये तुमसे बातें हुयी फिर से वो ही बरसात बरसा दे। […]
काव्यभाषा
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