यह विचित्र संयोग रहा कि,सात साल बाद विगत मार्च में जब मेरा देश के सबसे बड़े सूबे उत्तरप्रदेश में जाना हुआ तब राज्य में विधानसभा के चुनाव अपने अंतिम चरण में थे। इस बार जुलाई के प्रथम दिनों में ही फिर प्रदेश जाने का संयोग बना,तब देश के दूसरे प्रदेशों की […]

नेता  जी  तो  सब  बने,नेती बनी  न कोय, ज्यों नेती  बनने  लगें,तो शोषण  क्यों होय। तो  शोषण  क्यों  होय,बने  नेता महतारी, देवें    ऐेसी   अक्ल ,नहीं   बनें भ्रष्टाचारी। कह पी के कविराय,हों काम सब हितकारी, जनता भी  खुश रहे,नेता  हों वचनकारी।               […]

सीमा पे जवान दिन-रात हो रहे शहीद, कुछ तो खयाल आप,इनका भी कीजिए। जो शहीद हो रहे हैं,देशहित में आज वहां, घर जा के सुध आप,उनकी भी लीजिए। अफसर मंत्रियों को,मिला है सम्मान जैसा, देश के शहीदों को भी,ऐसा मान दीजिए। बिना घर परिवार,रहते हैं सीमा पर, अपमान उनका न,घूंट-घूंट […]

ओ मुसाफिर सँभल के चल, पीछे लग रही धूल है रास्ते में सब है अपना, ये तुम्हारी भूल है। जिसको तूने अपना, छोड़ा बीच राह पे भूल बैठा तुम यहाँ पे, तुम तो हो एक अजनबी। ओ मुसाफिर…॥ अपने पे विश्वास रखो तुम, मंजिल न अब तेरी दूर है इस […]

हिन्दी विरोधी ट्विटर अभियान के बाद `हमारी मेट्रो,हम नहीं चाहते हिन्दी` दो मेट्रो स्टेशनों-चिकपेट और मैजेस्टिक के हिन्दी में लिखे गए नामों को 3 जुलाई को अखबार और टेप की मदद से ढँक दिया गया है। ये मेट्रो बोर्ड कन्नड़,अंग्रेजी और हिन्दी में थे। केआरवी कार्यकर्ता प्रवीण शेट्टी ने रेस्त्रां के […]

बारिश में भी अगर कोई प्यासा दिखाई दे, फिर दूर-दूर तक भी न आशा दिखाई दे…। दिल टूट जाए जिसका वो सावन का क्या करे, उसको तो हर तरफ ही निराशा दिखाई दे…। हमने अगर कहा के जख्मी हो गया जिगर, ये बात भी तो सबको तमाशा दिखाई दे…। दुनिया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।