यूं नहीं आती हैं फसलें खेत की मिट्टी से प्रिये, ये पसीना बूंद बनकर बीज के कानों में कहता, आना है कुछ ही समय में तुमको धरा की पीठ पर, तृप्त करना है मनुज की हर कामना तुमको। देह झांकती हो भले इस जीर्ण चिर से, पर मुझे चिंता तुम्हारी […]

मन की कली मन में खिली तो गाँव-गाँव वो चली, थोडी़-सी थीं यादें मेरी वो भी पाँव-पाँव चली। सफर जो धूप का किया तो एक तजुर्बा-भी मिला, वो जिन्दगी-भी क्या भला, जो सफर छाँव-छाँव चली। नजर अगर थोड़ी झुकी तो मन की आस भी बंधी, अगर नजर थी प्यार की […]

[मजदूर दिवस (१ मई )पर विशेष ] उन्हें कोई फर्क नहीं पढ़ता, रात अमावस की हो काली या हो पूर्णिमा की उजियारी, अपने पसीने की लालिमा से सर्वत्र रोशन किया है उसने, जहां पहुंचने में रवि की किरण असहाय हो जाती है। तन ढँकने को तनिक-सा चिर ज्यादा दिखाई देता […]

हे राम वहां तुम कैसे हो, कुछ तो बतलाना ऐसे हो। हैं भक्ति-भाव में डूबे हम, क्यूँ अपनेपन से रीते हैं।। अपने-अपने का रंग चढा़, पर,परहित कहां पर होता है। मन की सारी इच्छाओं का, अंत कहां पर होता है।। जीवन की आपा-धापी में, श्वांसों की गणना मंद हुई। धन […]

जय मातु केहरिवाहिनी सब पर कृपा कर दीजिए, हम आपके सब लाल हैं,भवतार पार उतारिए। संसार की सारी चमक चमके तुम्हारे भाल से, संहार दुष्टों का किया श्रंगार मुन्डों के माल से। प्रतिमा तुम्हारी दिख रही नयना नयन अभिराम है, चक्षु नेत्र शोभित आपका काजल जगत की शाम है। तुम […]

मंद-मंद मुस्काती बेटी, जीवन का सार सबल बेटी.. गंगा-जमुना-सी निर्मल धार,. झरने-सी,कलकल बेटी। नव आशा का उज्ज्वल दर्पण, पलती-पढ़ती बन होनहार. प्रकृति का उन्मत्त श्रंगार, मुस्कानों का उद्गम स्थल.. जीवन का सार सबल बेटी, मंद-मंद मुस्काती बेटी। बेटे की आस रहा करती, बेटी फसलों-सी लहलहाती.. अपने कर्तव्यों की सीमा पर, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।