रावण कहता है एक बात मेरी सुन लो / क्यों वर्षो से मुझे यू जलाये जा रहे हो / फिर भी तुम मुझे जला नहीं प् रहे हो / हर वर्ष जलाते जलाते थक जाओगे / और एक दिन खुद ही जल जाओगे /१/ मैंने सीता को हरा, हरि के […]

छोड़कर घर द्वारा अपना / आ गए आपकी शरण में / अब अपनाओ या ठुकरा, मुझे मेरे गुरुवर / जब से दर्शन किये तुम्हारे / और सुने प्रवचन तुम्हारे / तब से ही वैराग भाव उमड़ रहा है / तभी तो सब कुछ छोड़कर / आत्म कल्याण के मार्ग पर […]

संजय कहता है, की खुद”को I खुद के अंदर,ही सर्च करो I अपने कर्माें पर भी कभी, तो रिसर्च करो तभी हमें अपने जीवन का,सही मूल्यांकन मिलेगा / की हम कितने सही और कितने गलत हैI यही सब हमें और आप को पता चलेगा।I अहम् से ऊँचा ,कोई आसमान नहीं। […]

‘स्वच्छता ही सेवा ‘ विशेषांक  गोपाल कौशल की कविताओं एवं बच्चों द्धारा रेखांकन व् कविताओं से भरा सुन्दर गुलदस्ता है | जिसमे स्वच्छता के मायने क्या होते है को बेहतर तरीके से बताया है ताकि अन्य भी इस पत्रिका से प्रेरणा लेकर स्वच्छता ही सेवा के भाव में सम्मिलित हो के […]

मुँह पर कड़वा बोलने वाले लोग I कभी धोखा नहीं देते ! डरना तो हमें ….. मीठा बोलने वालों से चाहिए ! जो साथ रहते हुए भी कभी साथ नहीं होते ! जो दिल में नफरत पालते हैं Í और वक़्त के साथ बदल जाते हैं ! ऊपर से तो […]

जब भोर हुए आना।, जब शाम ढ़ले आना / संकेत प्रभु का तुम भूलना जाना, जिन्नेंद्रालाये चले आना / जब भोर हुए आना।, जब शाम ढ़ले आना / मैं पल छीन डगर बुहारूंगा, तेरी राह निहारूंगा / आना तुम मंदिर, दर्शन को , श्रीजी की पूंजा तुम दिन करो / […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।