दर्द कागज़ पर, मेरा बिकता रहा / मैं बैचैन था, रात भर लिखता रहा../ छू रहे थे सब, बुलंदियाँ आसमान की / मैं सितारों के बीच, चाँद की तरह छिपता रहा // अकड होती तो, कब का टूट गया होता / मैं था नाज़ुक डाली, जो सबके आगे झुकता रहा […]

“`तुलसी(पौधा) पूर्व जन्म मे एक लड़की थी जिस का नाम वृंदा था, राक्षस कुल में उसका जन्म हुआ था बचपन से ही भगवान विष्णु की भक्त थी.बड़े ही प्रेम से भगवान की सेवा, पूजा किया करती थी.जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षस कुल में दानव राज जलंधर से […]

सब से पहले तो में अपने देशवासियों को दीपावली की बधाई देता हूँ/ इस बार की दीपावली आप सभी को नई रोशनी लेकर आये और आपका जीवन खुशियों से भर जाए साथ ही  एक निवेदन भी करना चाहूँगा की आप सभी लोग वो कार्य बिलकुल भी नहीं करे, जिसके कारण […]

गुरुदेव प्रार्थना है ,अज्ञानता मिटा दो / सच की डगर दिखा, गुरुदेव प्रार्थना है / ॐ विद्यागुरु शरणम , ॐ जैन धर्म शरणम / ॐ अपने अपने गुरु शरणम // हम है तुम्हारे बालक, कोई नहीं हमारा / मुश्किल पड़ी है जब भी, तुमने दिया सहारा / चरणों में अपने […]

आज का दिन बहुत ही पवन है इस दिन हर जाती धर्म के लोग इस त्यौहार को अपने अपने तरीके से मानते है / पर हर एक का मानना वो ही है जो जग जाहिर है / की दीप जलाकर सिर्फ खुशियों को जाहिर करे और भाई चारे तथा साद […]

साथियो आज एक ऐसा विषय को लेकर आपके सामने आया हूँ / जिस पर हर इंसान एक दम से वोना हो जाता है/ उसे अच्छे बुरे का ज्ञान होते हुए भी  वह असहाय सा दिखता है /और ये विषय है नारी की जिद्द ? बड़े बड़े विद्धमान लोग भी इस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।