आँखों में ठहरी ये कैसी नमी है, कोई खुशी है या मातम-गमी हैl ये शाम भी है क्यों उदास-सी, हवा भी आज क्यों अनमनी हैl तुमसे मिल के क्यूं आंख भर आई, तुम साथ हो,फिर भी ये कैसी कमी हैl तुमने कभी दिल से चाहा भी था हमें, ये सच […]

तुम्हारी दरकिनार जिंदगी से मुझे कोई शिकायत नहीं, लेकिन एक दर्द है जो अंजाने में मेरे दिल से निकलकर होंठों पर बरबस ठहर जाता है…। जिस साहिल पर हमने मुहब्बत के घरौंदे बनाए, आज वहां उड़ती हुई रेत के सिवा मुझे कुछ दिखाई नहीं देता, लेकिन इन आती-जाती हवाओं में […]

गांधी जयंती विशेष हिमालय की उपत्यका में गंडक नदी की यह तटवर्ती भूमि वैदिक युग में अनेक ऋषि मुनियों एवं संत महात्माओं की साधना स्थली रही। प्राचीनकाल में यह भू-भाग लिच्छिवी गणराज्य के अंतर्गत था,जहां प्राचीन भारत की सभ्यता और संस्कृति का अभ्युदय हुआ। कालांतर में यह भू-भाग मगध साम्राज्य […]

आज इन होंठों पे नया राग दे दो, इक नगमा खामोश है उसे आवाज दे दोl …. आंसूओं को आंखों में छिपाकर दोस्तों, मुस्कुराने का नया अंदाज दे दोl …. उलझती है जिंदगी हरदम सवाल में, कोई आज सवालों का सीधा-सा जवाब दे दोl …. वो कैसा नशा था,जो दो […]

किसकी तलाश में ये दिल परेशान है, इस अजनबी शहर में हर आदमी अनजान है l दिल के टूटने की वजह मत पूछ ऐ दोस्त, पत्थरों के शहर में अपना शीशे का मकान है l जो छोड़ गया मुझे मेरा मुस्तकबिल बताकर, वो शख्स इस शहर में आज भी गुमनाम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।