बरसों से जिस दस्यू मानसिकता के चलते अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों पर शारीरिक और मानसिक अत्याचार हुए उनसे उपजी हताशा और निराशा को कम करने देश के संविधान ने उन्हें कुछ विशेष सहुलियतें दी। आजादी से पहले गुलामी के जिस दर्द को हर भारतीय सहता था, आजादी मिलने […]

कुरान में लिखा है कि ख़ुदा के पास ना हड्डियां पहुंचती है ना ही मांस, पहुँचती है तो बस खुशु यानी कुर्बानी की भावना चारों तरफ कुर्बानियों की चर्चा हो रही है ऐसे में मन में यही ख़याल अक्सर आता रहा है और आज फिर बार बार सीने में कौंध रहा […]

बकरी का सबसे बड़ा योगदान बकरे पैदा करना। बकरी की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। अब किसकी सुरक्षा ज्‍यादा जरूरी है बकरी या बालिका की। बालिका गृह में सुरक्षित नहीं और बकरी कहीं भी। बकरी ने देश को इतने बकरे दिए। बकरे किसी ने किस्‍तों में काट लिए […]

जंग लगे आईने में अक्स देखता हूँ अंदाज देखता हूँ तस्वीर धुंधली दिखती है पर दिखती तो है… बूढ़ा आईना भी… अपना काम करता है ताज्जुब है… समय की लकीरों से… आबोहवा से… आईनों के बदल गये है … स्वरूप… आधुनिकता का रंग… चढ़ गया है… लेकिन… आईना है आखिर […]

रौशनदान से देखो हलचल बाहर की… कोई बहार का टुकड़ा… इधर आया है झूम रहा है अंबर कलरव कर रहे खग कोयल कूक सुहानी हवा मस्तानी बरखा की बूंदे रिमझिम हरितिमा फैली पंख फैला रहे पक्षी झूम रहे कलकल बहती नदियां वो पहाड़ भीग रहा है भीग रही वो झोपड़ी […]

अनगिनत कविताएं लिख रहा हूँ हर तरफ शोर मचता है आलोचना का शिकार होना पड़ता है वाह वाही भी खूब मिलती है लेकिन कमियां ज्यादा निकाली जाती है ताल,लय,छंंद, मात्राओंं से परे…. लेकिन.. प्रकट करता हूँ.. हृदय स्पंंदित होता है… भाव है बस मेरे पास… यूूं ही उमड़ पड़ते है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।