मेरे कान्हा ,मेरे कन्हिया ,ओ मेरे गोपाला तू जो मिल जाए तो दुनिया की कोई चीज न लूँ मेरे कान्हा ———————- मन की गागर ना जाने क्यों छलकती जाती है तू जो थामे तो कोई भाव कहीं ना भटके मेरे कान्हा —————— मन मंदिर में विराजो ओ मेरे गोपाला राधा […]
18 से 20 अगस्त 2018 को मॉरीशस में गोस्वामी तुलसीदास नगर के अभिमन्यु अनत सभागार में आयोजित ’11वें विश्व हिंदी सम्मेलन’ को ले कर हर किसी की अपनी राय है। हर कोई अपने तरीके से अपने अनुभवों को बांट रहा है। जो गए वे भी, और जो नहीं गए वे भी। […]
कल एक समाचार पत्र में प्राप्त समाचार जिसमे एक कान्वेंट स्कूल अपने बच्चों को वर्द्धा आश्रम लेकर गया जहां एक बच्ची अपनी दादी को वहां देख रोने लगी जब उससे कारण पूछा तो उसने बताया कि पापा मम्मी ने बताया कि दादी को चाचा ले गए है । […]
रामकृष्ण की जन्मभूमि दिया कर्म का ज्ञान यहाँ सदियों से पृथ्वी का ये गौरान्वित धरा रहा त्याग तपस्या योग यहाँ सदा था स्वतंत्र धरा रौदानें को हमारी संस्कृति आते रहे अनेक लुटेरे सदा और जकड़ा छल से शासन किया सालोंसाल पिंजड़े में कैद मनुष्यता छटपटाहट पोर पोर बसी कहाँ रुकी […]
अनुराग भरा जिस जीवन में होता भावों का संचार वहीं तब रिश्तों की बगिया महकेगी जब अनुराग भरा हो जीवन में है धन्य धरा वो ही केवल जहां हर पल उपवन खिलते हैं हाथ पकड़लें एक दूजे का हम कभी किसी का बुरा न हो चाहे हो राहें कठिन कितनी […]
धुंधलाने न दे नन्हें विटपों का सवेरा , उम्मीदों की उड़ानों से भरा है चेहरा , छोटे हैं पर सपने इनके खूब बड़े – बड़े , दे बड़ें इन्हें आकार आगे हैं ये बढ़ें । नयी तकनीकियों में झूल रहा है संसार , नोनिहालों का बचपन करे है ये दुश्वार […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।