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  अपने पापा के साथ आज रुही जाने वाली थी,अपनी नानी के घर। गुलाबी फ्रॉक पहने हुए बेहद खूबसूरत लग रही थी रुही। पापा ने स्कूटर पर बिठाया, किक लगाई और लेकर चल दिए रूही को उसकी नानी के घर। रुही को दादी ने तैयार किया था,पर दादी कुछ उदास […]

प्रभात का प्रकाश विस्मित करता हर रोज, नई ऊर्जा का संचार खुल रहे हैं फिर उस देहरी के द्वार। जाना है हर रोज नियमित नई दिनचर्या से रोज सुनहरे पलों को भूलकर करना है अब कार्य हर रोज। बहुत बीते दिन अपनों के संग, अब जाना है उसी देहरी की […]

हम अबोध हम नादान, प्रभु तुम ध्यान रखना। असत्य के मार्ग से हटे सत्य पर विजय करें, हर घड़ी ये उपकार करना। हम अबोध हम नादान, प्रभु तुम ध्यान रखना। . साजिशों से बचे कर्तव्य अपना करें, निज मार्ग तुम प्रशस्त करना। हम अबोध हम नादान, प्रभु तुम ध्यान रखना। […]

फिजाएँ भी रोक रहीं हवाओं के जरिए। मत जा तू, सूना रह जाएगा ये शहर। आसमान भी रोया लिपट कर धरती की बाँहों में। रोक ले उसे बस, सूना रह जाएगा ये शहर। मन में हजारों संवेग, पल रहे थे मिलन के। हवा,पानी सब पीछे छोड़ आए खुदा से मिलने। […]

कुछ देर और ठहरो, अभी बातें बहुत बाकी हैं। हवा के इस रुख से परेशान मत हो, जाना है दूर तलक अभी। कुछ पल ठहर कर,फिर से सोचो, तुम्हारी मेहनत ही तुम्हारा मुकद्दर लिखेगी। इन हाथों की लकीरों पर, ऐसे वकालत करना अच्छा नहीं। फेंकोगे आसमान पर पत्थर, लौटकर जमीन […]

‘बहना’ कभी आँसूओं के संग मत बहना, हमेशा हर घड़ी संग-संग रहना। भइया है तुम्हारा सबसे प्यारा, मम्मी नहीं तो क्या हुआ,भइया की परी हो। जिम्मेदारियाँ तुम्हारी सब निभाएगा, बालों में कंघी,माथे पर बिन्दी, होंठों पर मुस्कान वापस लाएगा। मम्मी की तरह मैं हूँ अब,तू पहले खाएगी फिर मैं देखकर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।