मातृ दिवस पर सभी माँओं के चरणों में समर्पित…….. माँ ही प्रथम पाठशाला है। माँ ने दुःख सहकर पाला है।। माँ संसार की अनुपम कृति है। माँ प्यार भरी संस्कृति है।। माँ नूर नहीं कोहिनूर है। माँ प्रेम से भरपूर है।। माँ खुदा का दूजा रूप है। मां प्यार भरा […]

2

शहीदों को नमन करना हमारा फर्ज है यारों। जो भिड़ने मुल्क से आए उसे मिलकर के तुम मारो।। कभी अर्जुन बनोगे तुम,कभी *कृष्णा* बनोगे तुम, अगर जो कंस आ जाए सुदर्शन हाथ में धारो।। #कृष्ण कुमार सैनी”राज”, दौसा,राजस्थान मो. Post Views: 318

बिस्मिल-सुभाष जैसे वीर नहीं पास आज, भगत की कुर्बानी को याद करना चाहिए। मातृभूमि को आजाद करवाने में दी जान, उनकी निशानी को याद करना चाहिए। सभी दिशाएं गूंजी थी उनके जय गानों से, गोरों की कहानी को याद करना चाहिए। जय गान करती है दुनिया शहीदों का ही, उनकी […]

श्वेत वस्त्र धारिणी माँ, वीणा पाणि शारदे माँ मेरी कोठरी में भी तो, ज्ञान भर दीजिए। देती रहें आप सारे कवियों को शुभाशीष, आप निज हाथ, मम शीश धर दीजिए। हम हैं नादान किन्तु बालक तो आपके ही, दुख अवसाद पाप, मात हर लीजिए। आपकी कृपा से ही तो, काव्य […]

आज सुन रहा हूँ      मैं भूख की किलकारियां। मेरे घर में भी होती थी           केसर की क्यारियां॥ आज मेरे देश को क्या             हो गया हे राम जी! जिसे देखता हूँ वही             […]

है मेरा राम को वन्दन, मिरा रहमान को वन्दन। जिन्हें भाते थे राधाकृष्ण, उस रसखान को वन्दन॥ सदा ही सत्य शुचिता की, बनी पहचान है भारत, करूं मैं हर समय इस, जगत की पहचान का वन्दन॥                             […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।