अनुराग भरा जिस जीवन में होता भावों का संचार वहीं तब रिश्तों की बगिया महकेगी जब अनुराग भरा हो जीवन में है धन्य धरा वो ही केवल जहां हर पल उपवन खिलते हैं हाथ पकड़लें एक दूजे का हम कभी किसी का बुरा न हो चाहे हो राहें कठिन कितनी […]
मंदसौर पर व्यथा………… नही चाहिए कोमल काया बेटी को वज्र बनाना होगा हाथ खड्ग ले बैठ सिंह पर अब उसको आना होगा पूजा जाता है जहां कन्या को त्यौहारों पर वहीं करते पुरुष निरादर नन्ही नन्ही जानो पर माता के पूजन का विधान पुरुष को करना था पैर पखार आई […]
मैं अपने मर्म की बात अपने होंठों से कैसे कहूं ? हालांकि !, मौन मेरी भावनाओं की मुखरित भाषा है। फिर! मेरे शब्दों का शोर और तमाशा क्यूँ न बने, जब……………। कभी न थकने और थमने वाली,मेरी हिन्दी भाषा है॥ नवयुग की आवाज़ है हिन्दी,संवाद मेरे हैं बेहतर, हिन्दी मेरी […]
ख्वाब की तश्तरी से क्यूंकर ऐसे लम्हे भी गुजरते हैं, झींगुर-सी बजती रातों में फिर घुंघरू बज उठते हैं। सेज की चादर पर जब भी कोई कनुप्रिया सजती है, बादलों से संधि करती,बिजलियों से मांग भरती है। भाग्य का देकर दिलासा,उसकी चूड़ियां हंसा लेती है, खनक-खनक कर नाहक ही किस्मत […]
गज वदन नमन कर सहचर चल गमन कर, करतल दल रखकर चरण गह नमन कर। भगत अब सब जन मत भटक इधर उधर, भजन कर नमन कर सफल जग जनम कर। समझ-समझ धर पग गलत मत कदम रख, अटक-अटक मत चल मन समझकर चल। अब सर नत कर चल एक […]
प्राचीन समय से ही हम भगवान को रूपए-पैसे चढ़ाते आ रहे हैं। पहले उसका रुप बहुत छोटा था, पर आज उसका बहुत विस्तृत होता जा रहा है। हमारी मान्यता है कि,कण-कण में भगवान है, ईश्वर एक अवर्णनीय शक्ति है, जिसे हम महसूस करते हैं। प्रकृति के रुप में उसको देखते […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।