मुझे गुम हाे जाने दाे आशाआें के जंगल में । वाे जंगल जहाॅं सूरज की किरणें पत्तियाें से छनकर आती हैं .. जाे दिखाता हैं रास्ता मेरे चलते हुए कदमाें काे मैं आतुर हाे जाती हूॅ बहुत सारी इक्छाआें काे मन में संजाेए […]
ये दुराचार कब खत्म होगा ? कब तक बेटियाँ असुरक्षित रहेंगी मासूम बेटियाँ कब तक इन दरिन्दों का शिकार होती रहेंगी? लगता है हर जगह हैवान घूम रहे है। जो बालाओं का अपहरण कर रहे हैं दुष्कर्म कर रहे हैं नोच – नोचकर खा रहे हैं। क्या बेटियाँ घर से […]
बरसात में रिमझिम फुहार लाए बहार मेघा गरजे भयंकर बरसे सर्वत्र पानी बारिश हुई सूरज छिप गया अंधेराहुआ पानी बरसा नव जीवन आया जग हरषा भरेगी नाली चले कागज-नाव बजेगी ताली वर्षा होने से धरती खिल उठी मन हरषे बरखा आई खुशियाँ संग लाई जीवन दायी बदरा घिरे झमाझम पानी […]
कहूँ क्या बात मैं चलन की कुरीतियों से हुयी जकड़ी भारत के अनेक रहन की कई दुखद विचारों की मानसिकता है अगन सी साक्षरता कहीं किताबी सी भेद करते लोग बेहिसाबी सी लिंग तय करता पुरुष भ्रूण कोसते स्त्री कोख खराबी की क्या करूं मैं बात चलन की दहेज़ भी […]
ललनाओं हो जाओ तैयार। अब आई युद्व की बारी ।। क्षत्राणियों के खून मे उमड़ रहा है जोश। हवाएं भी झूम-झूम, गा उठी मदहोश । दुश्मन के ठिकानों पर, हम करें वार पर वार। ललनाओं हो जाओ तैयार । हाथों में चूड़ियों के साथ , अपने खड्ग थाम लो रानी […]
नारी नहीं अब अबला , उसकी शक्ति दिखाना है । कहने और सुनने का , यह रिश्ता पुराना है । पढ़ी-लिखी होने पर भी. पुरुषों से कम आंकी जाती । दहेज के कारण आज भी, भ्रूण हत्या की जाती । आंखों में आंसू लेकर, औरों को खुशियां देती। त्याग दया […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।