तलाशोगे खुद में तो पाओगे मुझको, भला सबसे कब तक छुपाओगे मुझको। तुम्हीं तो हो मेरी मोहब्बत की मंजिल, मैं देखूँगा कब तक रुलाओगे मुझको। नहीं भूल पाया वो वादे वफ़ा के, बताओ तो कैसे भुलाओगे मुझको। नहीं नींद आती है आँखों में अब तो, मगर एक दिन तो सुलाओगे […]

करोगे अगर योग,योगी बनोगे, रोगों को हराकर निरोगी बनोगे। जीवन में जरा योग अपना के देखो, जो जीते स्वयं को,वो जोगी बनोगे। सरल राह जीवन की होती रहेगी, कभी भी नहीं आप भोगी बनोगे। दुखों से बहुत दूर होता है योगी, जो ढोए सुखों को,वो बोगी बनोगे। इसी योग से […]

याद बहुत बचपन के वो दिन आते हैं, आज नहीं क्यों हम वैसे दिन पाते हैं। रजवाहे में डुबकी लगाना भूल गए, जल्दी में ही अब हर रोज़ नहाते हैं। बैठ जमीं पर तख़्ती लिखते थे पहले, चैन नहीं अब कुर्सी पर भी पाते हैं। गुल्ली-डंडा,दौड़ लगाना सब भूले, याद […]

कभी लोगों ने तड़पाया, कभी रोगों ने तड़पाया, कभी धनवानों ने रौंदा, कभी नेता ने धमकाया। कभी दिल में उठी सच बात को उसने नहीं रोका, इन्हीं सच्चाइयों ने तो उसे बढ़ना ही सिखलाया। वो बढ़ने फ़िर लगा आगे, किसी दीवाने के जैसे, ये दुनिया छोड़िए अपनों से भी पागल […]

1

लुट गई है पूरी बस्ती, बस मिट रही है हस्ती। अब आया एक मसीहा, आगम की उसमें मस्ती।। बढ़ता ही जा रहा है, सच को जिता रहा है। जिनवर का है दीवाना, राग-द्वेष नशा रहा है।। अब है समझ में आया, कुछ भी न मैंने पाया। शिवमग मिला उसी को, […]

7

दिल जलाया इस कदर कि राख हो गया, उनकी नजरों में मेरा रिश्ता खाक हो गया। जो चाहने लगे हैं,वो सताने लगेंगे एक दिन, पास आकर एहसान जताने लगेंगे एक दिन… जरा सा संभलकर रहना इन चाहने वालों से, अक्सर औकात याद दिलाने लगेंगे एक दिन.. दिल जलाया इस कदर…….। […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।