दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाने वाली इन तीन पुस्तकों में प्रकाशित इन पंक्तियों की गहराई समझें, ‘बुद्ध के विचारों को अगर भारत मानता तो चीन, यूरोप से ज्यादा आगे होताÓ (पुस्तक-बुद्धा चैलेंज टू ब्राह्मनिज्म)। ‘श्रम करके जिंदगी गुजारने वाले लोगों के बीच जाति के आधार पर विवाद रहा। दलित, […]

जब वतन पर ग़ज़ल सुनाई है। दाद हमने भी खूब पाई है।। लोग मुझको ग़रीब कहते हैं दिल की दौलत मगर लुटाई है। हम पे कुछ तो भरोसा कर देखो, जिंदगी तुम पे ही लुटाई है। कोई दिल को चुरा नहीं सकता, क्यों मुहब्बत मेरी  चुराई है। अब मुलाकात मुझसे […]

पंजाब में कांग्रेस के नेतृत्व वाली कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने हाल ही में भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए में संशोधन कर 295-एए का प्रस्ताव केंद्र के पास भेजा है। यह संशोधन लागू हो जाता है तो राज्य में धर्मग्रंथों जिनमें श्रीमद्भगवद गीता, श्री गुरु ग्रंथ साहिब, पवित्र कुरान […]

हाँ ! मैं खाता हूं मेहनत की कमाई। मैं डरता नहीं हूं मेहनत करने से। लक्ष्य को पाने के लिए मुझे दिन-रात करनी पड़ती है  कड़ी मेहनत। कितनी बाधाएं भीआती है लक्ष्य तक पहुंचने में हिम्मत और मेहनत से सब आसान हो जाता है और मिल जाती है मंजिल। मन […]

बच्चे का रुदन उसके आगमन से होता शुरु। हर दर्द के साथी आँसू। व्यस्क होने पर छुप कर रो लेता। माता पिता से भी नहीं कुछ कहता। कभी प्रेम में ठुकराए कोई। रो कर वह दर्द पी लेता है। नौकरी न मिले तो बेरोजगारी होने का दंड रोकर भोग लेता […]

सावन, नाम सुनते ही मन में राहत की फुहारें से बरस जाती हैं और मन में तैर जाते हैं उमड़ते-घुमड़ते बादल, कूकती कोयल और पंख फैलाए मोर, सेवीयां, घेवर, बागों में पड़े झूले और पींघ झूलती युवतियों के गीत। भारतीय समाज में सावन केवल बरसात व भीषण गर्मी से राहत […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।