सर्द रातें अब कमजोर पड़ रही हैं लोग घरौंदों से बाहर निकल रहे हैं आसमान भी अब साफ होने लगे हैं फिर भी बादल क्यों गरजने लगे हैं चौराहों पर चाय के दौर चल पड़े हैं समझा ! ये मौसम क्यों बदल रहे हैं टी वी पर भी चुनावी ढोल […]
विनती करूं शीश नवाय के सुनो शारदे मांय, लिखने में यदि भूल हुई होतो शीघ्र दीजे बताय, शीघ्र दीजे बताय मेरी कविता हो अति सुन्दर, अवगुण ना होवे कभी इस कविता के अन्दर, लिखे दास “अकेला” अब आप ही हैं रक्षक, विनती करूं हे मां सहारा हो जा बन के […]
सदियों से रहा है आरक्षण कौन कहता है कि आज नया है आरक्षण यह परिपाटी नयी नहीं पुरानी परम्परा है आकाश,पाताल या सड़क सबमें है आरक्षण सूरज को जल कोई पश्चिम तो कोई पूर्व में दे कोई राम को माने तो कोई कृष्ण को जाने कोई महाराष्ट्र को तो काश्मीर […]
एयर कंडीशन में बैठकर जंक फूड खाते खूब बागों के झुरमुट से रहे सदा अंजान से। लिखते कविता जरूर मगर कविता होती गद्य कभी खेतों में पांव न रखा रिश्तों से रहे विरान। लंदन में बैठकर कविता करते नहीं है कोई ज्ञान ये तो पैसे वाले हैं भला क्या जाने […]
मंदिर-मस्जिद में हम क्यों खोजते भगवान, लाईन में लगकर पूजा करते क्या धनवान, भला गरीब नहीं होता क्या इसका कद्रदान, जरा ध्यान से देखो वही तो है सच्चा इन्सान, यहां कण-कण में भी हैं आस्था के भगवान, फिर हम क्यों लड़ते तेरे मेरे हैं ये भगवान, जो गरीब की सेवा […]
भीतर-भीतर झांका मैंने, अरमानों की डोली को टूटा-टूटा पाया मैंने। रिश्तों में एक प्यार का रिश्ता हिस्सों में बांटा मैंने, सूना-सूना आखों का मंज़र मन खंडहर-सा होते देखा मैंने। खोखली मुस्कानों में क्रंदन को, छुपते देखा मैंने। साथ होकर साथ न होना, आना और आकर जाना वो दर्द दोनों के […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।