महिलाओं में हार्मोन के आए बदलावों के कारण कई तरह के रोग अपनी गिरफ्त में ले लेते हैं। देखा जाए तो अधिकांश समस्याएं औरतों को गर्भावस्था के दौरान या फिर बाद में होनी शुरू हो जाती है। कभी-कभी गर्भावस्था के दौरान या मोटापे की वजह से महिलाओं के पैरों की […]

कहते हैं कि जंग और मुहब्बत में सब जायज है।यानी जायज तो जायज है ही,नाजायज भी जायज!किन्तु यह बात कही किसने होगी!मुझे लगता है कि या तो जिसने जंग जीती होगी या फिर जिसने मुहब्बत में अपने प्रेमी या प्रेयसी को पा लिया होगा।वरना तो जिसे युद्ध में हारना पड़े […]

और कितने सर्वे करेंगे! हमारी हर बात में ऐसे ही खामियाँ निकालते रहते हैं।हमारी व्यक्तिगत बातों में यदि इसी तरह से दखलंदाजी देते रहे तो फिर तो हो गया काम!इस तरह से हम आगे बढ़ ही नहीं पायेंगे और पिछड़े के पिछड़े ही रहेंगे। एक तरह से यह हमारी निजता […]

थरथराहट जब भी गुजरता हूँ पुल पर से थरथराहट सी होती है देखा है मैंने जितना मैं थरथराता हूँ उतना ही थर्रा जाता है पुल भी उसे भी भरोसा नहीं है अपने रचनाकार पर मुझे भी अब नहीं रहा क्योंकि उस ऊपर वाले रचनाकार का कोई पता भी नहीं है […]

उन्होंने कहा है तो सच ही होगा।यदि अनुशासन में किसी को लायेंगे तो तानाशाह तो कहलायेंगे ही।घर हो,परिवार हो,दफ्तर हो,सदन हो,समाज हो या देश हो सब अपने अनुरूप हो,सभी अपने अनुसार चलें,शायद यही तो अनुशासन है।लेकिन व्यवस्था सुधारने या व्यवस्था करने के नाम पर अनुशासन लागू कर भले ही हम […]

    गरीब तब भी खुश था जब कहा गया था कि दिल्ली से एक रूपया चलता है और गरीब तक पन्द्रह पैसे ही पहुँचते हैं।गरीब तब भी खुश हुआ था,शाबासी दी थी।गरीब आज भी खुश है जब कहा जा रहा है कि दिल्ली से एक रूपया चलता है और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।