घर की रौनक पिता से,उनसे घर की शान, पिता ईश्वर तुल्य हैं,उनका हो सम्मान। परवरिश,व भविष्य का,रखते हैं वो ध्यान, उनके कर्त्तव्यों से ही,सबको मिलता मान। सभी जरूरतों का वो,रखते सदा ख्याल, हो समस्याएं जो भी,करते हल तत्काल। माँ-बाप की सेवा ही,है पूजा के समान, इस दुनिया में वही हैं,हम […]

अब तो तेल भी न बचा चराग़ में,  ये दिल रोशन है वफ़ा की आग में। यूँ देख कर न हमसे नज़र घुमाइए, हम भी माली थे कभी इस बाग में॥ देते हैं दिल को वो तसल्ली जरूर, पर यकीं कैसे करें उनके इस राग में। खेला खूब दिल से […]

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कविता आँखें खोलती,कविता लड़ती जंग कविता लाती चेतना,कविता भरती उमंग। कविता दिल में उतरती,कविता करती मार कविता जोश उभारती,कविता की तलवार। शस्त्र सिर्फ कर सकते,तन पर ही प्रहार अंतर्मन झकझोरती,ये कविता की धार। कविता जब लगाती है,अपनी तेज हुंकार अर्जुन भी उठ खड़ा हो,करता है ललकार। याद दिला इतिहास का,बढ़ाती […]

ज़िंदगी की राहों में, अवरोधक व्यवधान बहुत हैं.. हैं मुश्किलें-परेशानियां, मगर समाधान बहुत हैं …।   हम बे-खौफ चलते जाएँ,राहे मंज़िल की तरफ सपने संजोए हैं अनेक, दिल में अरमान बहुत हैं…!   वक्त ही सिखाता है, ज़िंदगी का सबक हमें .. गैर तो गैर हैं अपने भी,अपनों से अंजान […]

खूब आग बरसा रही,सूरज की ये ताप, जन-जन झुलसे ताप से,बढ़ता अब संताप। पतझड़ से हैरान हैं,पशु पक्षी भी आज, ताल-तलैए सूख गए,पानी को मोहताज। कपड़े तन पर चुभ रहे,सूती की दरकार, गर्मी की भीषण जलन,करती अत्याचार। सूरज सिर पर चढ़ गया,बिगड़ा क्यूं मिज़ाज़, लाल-पीला वो हुआ,सहमा सकल समाज। कूलर-एसी […]

यहां चेहरे पर भी चेहरे हैं, इंसानी राज बहुत गहरे हैं। दिल में आग लब पर गुलाब, लोग न जाने कहाँ आ ठहरे हैं। हाथ मिलाते हैं गर्मजोशी से, पर दिल में नफरत के बसेरे हैं। बोलते कुछ और करते हैं कुछ, लोगों के मिज़ाज़ यहां दोहरे हैं। इंसाफ के […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।