है दीनबन्धु दाता ईश्वर, है तुमसे सवाल ये परमेश्वर। सृष्टि के तुम धारक नियन्ता, तुम ही जग के पालन करता। क्यों तुमने रचकर सुंदर सृष्टि, उसमें करुणा का विधान किया। भोले-भाले बचपन को क्यों, जग की दुविधा में डाल दिया। मेरे भोले प्रश्नों का, है परमपिता अब ध्यान धरो। मानव […]