लाखों लोग कर रहे अनशन ऐसी क्या मजबूरी है जू तक नहीं रेंग रही इनके  बस प्रचार जरूरी है नौ-नौ दिन से भूखे-प्यासे घरबार तक छोड़ दिया बेरोजगारी की जकड़न में जीवन ने  मोड़ लिया एक हजार की भर्ती निकले लाखों फॉर्म भरते है उम्मीदें टूट जाती है जब सब […]

क्या करूँ , मौन रहूं या बोल दूँ । इन नेताओं की ईमानदारी के , सारे राज खोल दूँ ।। क्या करूँ , मौन रहूं या बोल दूँ ।।।। भेड़ चाल से सरकार बन रही , जबकि वोट हमारा अधिकार है । नेताजी कह रहे , मुझे ही वोट देना […]

चाँदनी रात में तारो को , देखके सोचू ,        काश ! कोई सितारा मेरे आँगन में उतरता । मेरे घर में आये एक छोटी सी गुड़िया ,           मेरा आँगन भी आसमान सा निखरता ।। अब तो खुदा !  सुन मेरी पुकार , […]

                        जय श्री कृष्णा भगवान श्री कृष्ण की कृपा से आपके जीवन में प्रेम, सौहार्द और खुशियां बनी रहे । सभी देशवासियों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एव बहुत बहुत शुभकामनाएं । सुन कान्हा , तू फिर […]

राखी का त्यौहार आया ,                   संग में खुशियां हजार लाया । भाई-बहन का सच्चा प्यार ,                       एक धागे में पूरा समाया ।। बहन अपने पीहर आयी ,       […]

कुछ ख्वाहिशें थी मेरी , जो सिर्फ ख्वाहिश बन कर रह गयी । कुछ अरमानों की झोपड़िया , मजबूरियों से ढ़ह गयी ।। कुछ ख्वाहिशें थी मेरी ……………….जो सिर्फ ख्वाहिश बन कर रह गयी ।।। बचपन में देखे थे मैने , बड़े-बड़े और प्यारे सपने । लेकिन जवानी में आते-आते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।