रक्षाबंधन..

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jaswant

राखी का त्यौहार आया ,
                  संग में खुशियां हजार लाया ।
भाई-बहन का सच्चा प्यार ,
                      एक धागे में पूरा समाया ।।
बहन अपने पीहर आयी ,
                    घर में फिर से रौनक छायी ।
बाबुल के बगिया की चिड़िया ,
                    फिर से घर में बहार लायी ।।
सबके चेहरे खिले-खिले ,
                  हंस-हंस कर सब बात़े करते ।
सब बचपन को याद करके ,
                    साथ रहने की आस करते ।।
माथे पर तिलक लगा कर ,
                     कलाई पर राखी बांधती है ।
जीवन भर प्यार के संग ,
                 और रक्षा का वचन मांगती है ।।
बहन कहती है अपने भाई से ,
                        एक वचन मुझे तुम देना ।
कभी भी शराब मत पीना ,
                 और अपनो को दुख मत देना ।।
कहती है मेरे प्यारे भैया ,
                  तुम राखी की लाज रख देना ।
मां- बाप की सेवा करना ,
                और उनको दुःख तुम मत देना ।।
गाड़ी तुम धीरे चलाना,
             हेलमेट हमेशा पहन कर चलाना ।
घर पर राहें तकते नन्हें बच्चें ,
                      उन पर खूब प्यार लुटाना ।।
बहन तो इतना ही चाहती है ,
                      अपने घर का मान बढाती ।
बहन बड़े ही प्यार से ,
             भाई की कलाई पे राखी सजाती ।।
बहन बेटी जिस घर में होती ,
                        उस घर में खुशियां आती ।
भ्रूण हत्या क्यों करतें हो ,
                    बेटी ही सब रिश्ते  निभाती  ।।
बेटियां नहीं होगी घर में तो  ,
                          तुम्हें राखी बाँधेगी कौन ।
ये त्यौहार भी मिट जाएगा  ,
                        सिर्फ यादें ही रहेगी मौन ।।
जिस बहन के भाई नहीं  है ,
                       ये भाई “जसवंत” है तैयार ।
बांधकर रक्षा का बन्धन ,
                  मनाओ सब राखी का त्यौहार ।।

नाम – जसवंत लाल बोलीवाल ( खटीक )

पिताजी का नाम – श्री लालूराम जी खटीक ( व.अ.)

माता जी का नाम – श्रीमती मांगी देवी

धर्मपत्नी – पूजा कुमारी खटीक ( अध्यापिका )

शिक्षा – B.tech in Computer Science

व्यवसाय – मातेश्वरी किराणा स्टोर , रतना का गुड़ा

राजसमन्द ( राज .) 

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।