विधान~ [{मगण भगण नगण तगण तगण+22} ( 222  211  111  221  221 22) 17 वर्ण, यति 4, 6,7 वर्णों पर, 4 चरण [दो-दो चरण समतुकांत] प्यासा मांगे , जलनिधि बड़ा , तृप्ति में सार देखो! तृष्णा लाई , बहुत गहरी , वासना धार लेखो ! तोलो मोती, चमक असली, चेतना […]

नेता व साधु के बीच यदि कही मैत्री भाव की अनुभूति हो तो समझ ले कि दोनों के बीच “विवेक पूर्ण ” समझौता है! इसी विवेक का इस्तेमाल हम अपने लिए करे अपने अंतर की चेतना से करे तो दोनों में भारी विभेद दृष्टिगोचर होता है क्योंकि दोनों के लक्ष्य […]

पुलक उठी है उर मनुहार ! मुखर मुग्ध कर रही फुहार !! सिहर उठा कोमल अति गात ! चंचल मुग्ध बेसुध सखि रात ! श्याम देह निखरी अनुपात ! भरे मकरंद रस जलजात ! रजत श्याम का मृदु श्रृंगार ! मुखर मुग्ध कर रही फुहार !! मधुर मिलन बढ जाता […]

हमारा नृत्य हैं बेटी ,दिलो में गीत सी मचली! बड़े नैना विराने हैं, लगाई प्रीत सी कजली ! हमेशा मान में रखना, यही फूलों भरी क्यारी! मधुरता का बहे झौंका, लगे सबसे बड़ी प्यारी!! मिटा दो भेद की धारा, इसी मे द्वेष हैं सारा ! अनोखी रीत पाली हैं, बनी […]

दो पल की खुशियाँ जीने को दर्द के गुजरे सैलाब कई , गम के निशां लिए दिल पर अनमने गुजरे अजाब कई | लाख छुपाये गम नजरों से आँसू पिघले, फिर गये मचल , किस्मत की भँवर में उलझे, सजे ख्बाब कई, फिर गये बदल | खुदगर्ज निगाहों से दबे […]

     ए  मोहब्बत मेरी तुम , लगती हो जैसे ढलती शाम, उगता रवि,चलती पवन कवि की कविता,शायर की शायरी गुलज़ार की गजल,प्रेम की कहानी पक्षियों का कलरव, कोयल की राग पर अब ना रही तुम, मेरी मोहब्बत एक अरसा हुआ है,देखे तुम्हे शायद नही मिल पाओगी, तुम मुझे ए मोहब्बत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।