महाविद्यालय चाहे तो स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रम भी शुरू कर सकता हैl राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ही अब चिकित्सा महाविद्यालय की मान्यता देगा,हर साल चिकित्सा महाविद्यालय को नवीनीकरण हेतु चिकित्सा परिषद् में चक्कर न लगाकर यह आयोग भी मामलों को देखेगाl हर वर्ष का निरीक्षण ख़त्म कर दिया गया है,अब हर दिन ऑनलाइन नजर होगीl ४७९ चिकित्सा महाविद्यालय में से ३५० ऑनलाइन जुड़ चुके हैंl अब राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग […]

समय के कोरे कागज पर, नित नया इतिहास लिखें। मन के प्यासे अधरों पर, हम गीतों की प्यास लिखें॥ पल-पल घटते जीवन की, स्वांस-स्वांस का मोल लिखें। मन के प्यासे अधरों पर, हम गीतों की प्यास लिखें॥ ये तेरा और ये मेरा, सब असार का सार लिखें। मन के प्यासे […]

महाराष्ट्र सरकार,प्लास्टिक मुक्त राज्य बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही हैl महाराष्ट्र राज्य में अगले साल के मार्च से पीने की पानी के लिए प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगाl स्वामी विवेकानंद जी से एक अमेरिकन ने पूछा-भारत और अमेरिका में क्या अंतर है ? विवेकांनद जी […]

मिलन तो हो ठीक है,मिलन की तो कल्पना ही बड़ी सुखद है , और बिछोह तो ठीक,बिछोह की कल्पना ही दुखद है। मिलन हर कोई चाहता है,बिछोह कोई नहीं, पर विडम्बना तो देखो,दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। दोनों एक दूसरे के साथ ही चलते हैं, एक सुख और दूसरा दुख […]

1

एक सती वृंदा से छल किया, तो भगवान को भी पत्थर बनना पड़ा। आज का इंसान,क्यों नहीं समझ पाता इतनी सी बात को। पत्थर दिल इंसान, पत्थर बनने से न डरे, पर,खुद भी तो पत्थर न बने॥                           […]

1

प्रेम, प्रेम तो सब रटें, प्रेम न करे कोय; एक बार जो प्रेम करे, तो प्रेम-प्रेम ही होय। जो बांटोगे वही मिलेगा, ये है जग की रीत; क्यों न प्रेम को सब बांटें, बढ़ जावेगी प्रीत। प्रेम अगर निश्छल करो, निश्छल प्रेम ही पाओ; छल वाले प्रेम में तो, खुद […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।