डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ देश की माटी का गौरव, समाज का अस्तित्व, जन का मान, सर्वहारा वर्ग की चिन्ता, हर तबके का विशेष ख़्याल, भाषाई एकता और अखण्डता के बीच हिन्दी की स्वीकार्यता, राष्ट्र की आज़ादी के रण के नायक, नेतृत्वकर्ता, सत्यवादी, मितव्ययी, स्वावलम्बी, समरस और सर्वहितैषी, राजनीति की कलुषता […]

पुस्तक समीक्षा आज हम चर्चा कर रहे हैं पत्रकारिता एवं संगणक विज्ञान अभियांत्रिकी में निष्णात, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर जय हिंदी का उद्घोष करने वाले, हिंदी को समर्पित, विद्वान, कवि एवं लेखक डॉक्टर अर्पण जैन “अविचल” के काव्य संग्रह “काव्यपथ” की । कविता की समझ, विद्वता से परिपूर्ण आपका […]

पुस्तक समीक्षा  डॉ. अर्पण जी जैन ‘अविचल’ की पुस्तक ‘पत्रकारिता और अपेक्षाएँ’ अपने नाम को सार्थक करने के साथ-साथ पाठकों की अपेक्षाओं पर भी पूरी तरह खरी उतरी है। लेखन से ज्ञात हुआ कि पत्रकारिता का इतिहास और आज के समय की पत्रकारिता में ज़मीन-आसमान का अंतर आ चुका है। […]

राष्ट्र की सम्पूर्ण संकल्पना, उसके होने का मतलब, उसकी कार्ययोजना, उसकी संस्कृति, उसकी भाषा, लोकव्यवहार और आचरण सबकुछ उसके निवासियों की जागृत मेधा से उन्नत है। और इन्हीं की चिंता और संगठनात्मक परिचय से मिलकर शब्द बनता है राष्ट्रवाद । राष्ट्रवाद शब्द में पहले पायदान पर राष्ट्र आता है, उसके […]

● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ सत्ता और संघर्ष का चोली दामन का साथ है। इस समय जब देश के सबसे पुराने राजनैतिक दल को बीते माह हुए पांच राज्यों के चुनावों में करारी शिकस्त मिली हो, तब आत्ममंथन अत्यावश्यक हो जाता है। कांग्रेस इस समय ऐसे बुरे दौर से गुज़र […]

1 जुलाई – सी ए दिवस विशेष* राष्ट्र के नवनिर्माण की बयार है, उद्योग नीति की श्रेष्ठता से हिंदुस्तान में स्वरोजगार चरम पर है, कही छोटी इकाइयाँ संचालित है तो कही वृहद। जीएसटी का बोलबाला हो चाहे वित्तीय सेवाओं की अनिवार्यता, संगठनात्मक तंत्र हो चाहे व्यक्तिगत कर आदि की सहायता, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।