मै मेहनत कश मेहनत से न डरने वाला साधारण हूँ बिहार का रहने वाला। चारो ओर शोर मचा फिर भी न जकड़ने वाला। क्षेत्रबाद की बेडियाँ से हमेशा जकड़ा गया मेहनत के कारण ही हर बार बेडियों से निकाला गया। व्यवस्था की चूक हो या अफवाहो का वेवजह ही दुत्कारा […]

मै मेहनत कश मेहनत से न डरने वाला साधारण हूँ बिहार का रहने वाला। चारो ओर शोर मचा फिर भी न जकड़ने वाला। क्षेत्रबाद की बेडियाँ से हमेशा जकड़ा गया मेहनत के कारण ही हर बार बेडियों से निकाला गया। व्यवस्था की चूक हो या अफवाहो का वेवजह ही दुत्कारा […]

जन्म दिन विशेष……… हिन्द की शान थी वो राष्ट्र की गौरव थी वो बडी निडर थी वो अदम्य साहस की मूरत थीं वो अडिग पथ पर चलने वाली हिन्दुस्तान की बेटी थी वो अपने जीवन का हर लम्हा देश के लिए समर्पित कर वो असीम प्रेरणा प्रदान कर गयी चंद […]

सर्दी आई, सर्दी आई चारो ओर घना कोहरा लायी। आग रजाई कम्बल सबके काम आयी। हरी हरी घास पर कोहरे की बूँद पडे फ्रीज पंखा एसी बंद पड़े कपडे फूल पहनो वरना, मम्मी की डांट पडे सर्दी आई, सर्दी आई चारो ओर घना कोहरा लायी। फसलो देखो तैयार खडे खेतो […]

जग-मग तारो सी आज दीप से धरती सजी दीप आस्था की सबके मन से जली। जैसे सबके घर श्रीराम आएँगे माता लक्ष्मी को सँग लाएँगे दीप जला के रखना सभी श्रद्धा भक्ति से दिख ही जाएँगे जग-मग तारो सी आज दीप से धरती सजी दीप आस्था की सबके मन से […]

भूलता सफर हू मैं “जिन्दगी” वक्त का मारा हुआ दो कदम जीता हुआ दो कदम हारा हुआ। ऐसे तमाम रिश्तों का मारा हुआ उदास लम्हों का सताया हुआ जो मतलब के दो पहिये थे अजीब दास्ता बन गयी अब तो इसलिए ऐ “जिन्दगी” दो कदम जीता हुआ दो कदम हारा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।