जख्म इतने हैं मेरे दिल मे, कि कलम मेरी खून उगलती है! पर उन लोगों से अच्छी है, जिनकी पसन्द रोज बदलती है!! जो धोखाधड़ी का जाल बुनकर, ठग लेते हैं भावनाओ को! उनसे तो भली कलम मेरी, जो हर मुद्दे पर फिर संभलती है!! झूठ फरेब के बिछाते है, […]

आज काॅलेज से आकर अचानक मेरे शिक्षक पति ने मुझसे कहा—जल्दी से तैयार हो जाओ आज हमें गुरूदक्षिणा देखने जाना है।गुरू दक्षिणा देखने? गुरूदक्षिणा ली जाती है दी जाती है –देखी कैसे जाती है? मैं सोच में पड़ गयी। खैर तैयार हो ही रहे थे कि एक शानदार कार घर […]

नफरत हुई आज उससे, जिससे हुआ था कभी प्यार! झूठी बातों से शुरू हुआ था, उस खुदगर्ज का इकरार !! रूप बदलकर आया वो सामने, किया था उसने इकरार! निभाने को ये रिश्ता, आयी मैं उसकी राहो में बार-बार !! उसकी झलक को बेचैन, हुई थी मैं उसकी तलबगार! अपना […]

बेवफाई का शौक उस बेदर्द का, कुछ इस कदर पला था! छोड़कर आया था जिन राहों को, फिर उन्ही पर चला था!! कभी मन भर गया था जिनसे, आज वही  प्यारे हो गए! चुभने लगे थे जो आंखों में, वही आँखों के तारे हो गए!! जिनसे नही मिला सहारा, आज […]

देख कर करतूत जमाने की, मेरा खून ख़ौल उठता है! कैसे पैदा करूँ मैं बेटी, एक बेबस बाप बोल उठता है!! अगर दुनिया में आयी मेरी  बेटी, ये दरिंदे जीने ना देंगे! ना सुख से रह पाएगी वो, घूंट पानी की पीने ना देंगे!! कहां छिपाऊँगा उस कली को,कहाँ-कहाँ साथ […]

कोई तो जाकर एक दफा बेदर्द को देख आओ यारो,            सुना है आजकल उनके चेहरे पर बड़ा नूर आया है! बड़ी शख्सियत बन गए वो और गुमनामी में है हम,           पूछ आओ कि इसी बात का उनको गुरुर आया है!! […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।