तुम्हारा मुझे एक टक निहारना मुझें बहुत याद आता है , तुम्हारा दुपट्टे में मुँह छिपा कर मुस्कुराना , मुझें बहुत याद आता है , नित्य नये-नये खत लिख कर देना , मुझें बहुत याद आता है , ऊपर से गुस्सा होना और भीतर ही भीतर मुझें दिल से मानना […]

आया जी आया रक्षा बंधन का त्यौहार , भाई – बहनों का का प्यार का त्यौहार , जीवन के जन्मों-जन्मों का साथ देती , बहना भाई के जीवन को रक्षा करती , संसार के हर दुखों से भाई की भलाई करती , जन्म से लेकर मृत्यु तक जीवन की रक्षा […]

मौत से लड़ना क्या , मौत तो एक बहाना है, जिन्दगी के पन्नों में, कब क्या हो जाए, ये न तो मै जानता न तुम, उल्फत न मिलती , जिवन के रुसवाईयो मे, हर जहा हमे पता होता , जिवन के रह्नुमाईयो मे, मौत से मुड़ना क्या, आरजू , गुस्त्जू […]

वो बचपन की य़ादे फिर याद आयी , ज़हाँ चीड़ीयो की की चहचाहात रही चांदनी , खेतो मे खिलखिलाती रही रोशनी , भँवरो मे मुस्कुराहट भरी है , वो बचपन की य़ादे फिर याद आयी ! सूर्य की किरणे चमकता ही रहता है , पेड़ो मे फल लदा ही रहता […]

माता आओ मेरे अंगना माता मेरी बुला रही है। मेरी माता जगजननी को मैया कहके झूला रही है। मां में देखूं स्वरूप तुम्हारा बहन में ममता पाई है हर नारी में जगदम्बा की मूरत एक समाई है। घूम रहे हैं महिषासुर चौकों में बाज़ारों में मानवता को तार करते जिल्लत […]

हिंदी मेरी मातृभाषा , हिंदी मेरी जान ! हिंदी के हम कर्मयोगी , हिंदी मेरी पहचान , हिंदी मेरी जन्मभूमि , हिंदी हमारी मान , हम हिंदी कि सेवा करते है , हम जान उसी पे लुटाते है , हिंदी हमारी मातृभाषा , हिंदी हमारी जान ! है वतन हम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।