बना ली है जो मैंने तुमसे दूरी इसमें है कुछ… बिगड़े हुए से मेरे हालात हैं। बस और कुछ दिनों की ये बात है, दूर होगी अपनी ये जुदाई के दिन.. फिर संग-संग होंगे हम और तुम, बना ली है जो मैंने तुमसे दूरी इसमें है कुछ अपनी……… करना न […]

तेरे संग में जुड़ा है मेरा नाम, न करना कभी ऐसा कोई काम… हो जाऊं मैं सारे जग में बदनाम, मेरे नाम से ही है मेरी पहचान। तेरे संग में जुड़ा है…॥ बस रखना इतना तू ध्यान, टूट न जाएं मेरे अरमान… न करना अपने पर अभिमान। तेरे संग में […]

चलो चलें देखने आस्था की भीड़, नदी-तलाबों,जलाशय पे उमड़ रही है… दुल्हन बनी है आज प्रकृति,फिजाएं, मन को लुभा रहा है मनभावन दृश्यl चलो चलें देखने….ll सजे हैं घाट कितने मनोहर, मीठे-मीठे फल-पकवानों से… कर रहे नमन सभी जन मिलकर, हो रहे अस्तगांचल रवि कोl चलो चलें देखने….ll उपवास किए […]

आओ हम सब मिलकर दीप जलाएं, चकमक-जगमग करके दशों दिशाएंl नाच-नाच गा-गाकर खुशी मनाएं, आओ हमसब मिलकर दीप जलाएंl घर-घर,गली-गली में हर्षोल्लास है भाई, सज रही दुकानों में रंग-बिरंगी मिठाईl हो रही  है अतिशबाजी ऐसे, जैसे बजती हैं ब्याह में शहनाईl आओ हम सब मिलकर दीप जलाएं, वर्षभर बाद है […]

कर पूजा मेरी स्वीकार,हे माता शेरोवाली बड़ी दूर से आया हूँ,सँग लाल चुनरिया लाया हूँ, करने तेरा श्रृंगार लेकर फूलों का गलहार, तेरे द्वार पे आया हूँ, हे माता शेरोवाली कर पूजा मेरी स्वीकार,हे….l सर्वमंगला शक्ति भंडार तुम हो, सकल सृष्टि आधार तुम हो सदा दुष्टों का करती संहार, कर […]

वाह रे वाह जमाना, मिलती न जिन्हें आधुनिकता,सुख,प्यार तो शुरु करते हैं अत्याचार, भुलाकर मानवता की सीमा रच ढोंग अध्यात्म का, चलाते हैं व्यापार वाह रे वाह जमाना l मानवता का ज्ञान न जिसको,  वह खुद को ईश्वर का प्रतीक बताता राम-रहिमन की मर्यादा की, है बोली ऊँचे मंचों से लगाता वाह […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।