हे हंसवाहिनी माँ हे वरदायिनी माँ अज्ञान तम से हूँ घिरा अवगुणों से हूँ मैं भरा सुमार्ग भी ना दिख रहा जीवन जटिल हो रहा ज्योति ज्ञान की जलाकर गुणों की गागर पिलाकर सत्पथ की दिशा दिखाकर जीवन सफल बना दो माँ हे हंसवाहिनी माँ हे वरदायिनी माँ तू ही […]

कई वर्ष पश्चात दूरदर्शन पर धारावाहिक ‘रामायण’ के पुनः प्रसारण से कौशल्या देवी बहुत खुश थीं। सुबह के नौ बजते ही टेलीविजन के सामने हाथ जोड़ कर बैठ जाती थीं। आज रामायण देखते हुए वह अत्यंत भावविभोर हो रही थीं। सीता एवं लक्ष्मण को राम के संग वन जाते हुए […]

मिलता है विषाद इसमें इसमें ही मिलता हर्ष है कहते हैं इसको जीवन इसका ही नाम संघर्ष है दोनों रंगों में यह दिखता कभी श्याम कभी श्वेत में कुछ मिलता कुछ खो जाता रस जीवन का है द्वैत में लक्ष्य होते हैं पूर्ण कई थोड़े शेष भी रह जाते हैं […]

मेरे नन्हे से राजकुमार करता हूं मैं तुमसे प्यार जब भी देखूं मैं तुझको ऐसा लगता है मुझको था मैं अब तक बेचारा और क़िस्मत का मारा आने से तेरे हो गया है दूर जीवन का हर अंधियार मेरे नन्हे से राजकुमार… मेरे दिल की तुम धड़कन तेरी हंसी से […]

“अगले हफ्ते डैडी घर आ रहे हैं। मैं आप दोनों की करतूतों के बारे में डैडी को जरूर बताऊंगी। घर को नर्क बना कर रख दिया है।” ज्योति ने अपनी मां और चाचा को धमकाते हुए कहा। ज्योति तेईस वर्षीया युवती थी। ज्योति के पिताजी निर्मल सिंह फ़ौजी थे और […]

चिरंजीवी शिवांश भक्तवत्सल भगवान आञ्जनेया महावीर महातपस्वी बलवान कपीश्वर महाकाय दैत्यकार्य विघातक रामदूत बजरंगी दशग्रीव कुलान्तक परविद्या परिहार सिंहिकाप्राण भंजन परशौर्य विनाशन महारावण मर्धन लंकापुर विदायक सीतान्वेषण पंडित सर्वमाया विभंजन केसरीसुत सुरार्चित सीताशोक निवारक कुमार ब्रह्मचारी संकटमोचन महाबली भक्त हितकारी मानव मूढमति समझकर कृपानिधान करो कल्याण बजरंगबली हनुमान ✍️ आलोक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।