लाखों घर बर्बाद हो गए इस दहेज की बोली में, अर्थी चढ़ी हज़ारों कन्या बैठ न पाई डोली में। कितनों ने अपनी कन्या के पीले हाथ कराने में, कहाँ-कहाँ है माथा टेका,शर्म आती बतलाने में। क्यों टूट रहे परिवार रोज ही,क्यों फूट रही हैं तकदीरें, लोभी फिर भी खोज रहे,नित […]

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आ जाओ मनमीत हृदय ये कितना प्यासा है। एक तुम्हारी चाहत ही तो मुझे देती दिलासा है॥ तुझ बिन ये जीवन है सूना, मरुथल-सी है प्यास। आँख मिचौनी न करो मुझसे, मन ये उदासा है॥ झंझावतों में जीवन के, साथ तुम्हारा ही तो था। वरना मैं तो खो जाती, ये […]

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दुःस्वप्न, संबंधित दुःख से, `दर्द` से जिए जाओ सर्द से। सदा कोई उलझन सदा कोई परेशानी। मिलती तो सही, खुशी कोई अनजानी पर नहीं, कुछ भी नहीं,कहीं भी नहीं। बस, ? दर्द से भरी कराहें…. कि सुन न सके,कोई मेरी आहें। किसी तक न पहुँच सके ये आवाज़, किसी को […]

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`क्या साबित करना चाहते हो आखिर… पुरूषों को, चूड़ियाँ भेंट करके…..?` कायरता, नाकारापन,या कमजोरी का प्रतीक मानते हो….? भूल गए क्या…माँ…दादी के हाथ की, वो हरी काँच की चूड़ियाँ….? जो चूल्हे की आँच में तपकर, हो जाती थी..और मजबूत। रोटी थेपकर खेत भी खोद लेते थे, वो चूड़ी भरे हाथ….। […]

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पूरा परिवार इकट्ठा हो पतंग उड़ा रहा थां,पतंग उड़ाते-उड़ाते पत्नी की ओर एक मासूम-सा सवाल आया-रिश्ते भी माँझे की तरह होना चाहिए न…? इतने ही मजबूत…है न…? ‘नहीं प्रिये…!’ जवाब भी मजबूत था। माँझे की तरह नहीं,रेशम की तरह…l ‘क्यों…? रेशम तो कितना नाजुक होता है न ?’ ‘हाँ…! मगर […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।